उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया गया
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के प्रोफेसर पी. बी. बिष्ट एवं हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से प्रोफेसर जी. सी. जोशी मौजूद रहे। मुक्त विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक प्रोफेसर आर. सी. मिश्रा एवं स्कूल ऑफ़ साइंस के निदेशक प्रोफेसर पी. डी. पंत ने अतिथियों को पुष्पु गुच्छ, स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया। सेमिनार के संयोजक के रूप में भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ0 कमल देवलाल ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमिनार में जुड़े सभी प्रतिभागियों को विज्ञान दिवस के बारे में कुछ जानकारी दी।
समन्वयक के रूप में भौतिक विज्ञान विभाग के डॉ0 विशाल शर्मा, डॉ0 गौरी नेगी, डॉ0 मीनाक्षी राना, एवं डॉ0 राजेश मठपाल भी सेमिनार में उपस्थित रहे। प्रोफेसर जी. सी. जोशी ने प्रतिभागियों को चंद्रशेखर वैंकट रमन के आविष्कारों के बारे में बताया। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि कैसे भौतिक विज्ञान हमारी रोज़ाना जिंदगी से जुड़ा है और चंद्रशेखर वेंकट रमन के किए गए आविष्कारों से हम कैसे रोजाना उपयोग में आने वाली चीजों की क्रियाविधि समझ सकते हैं। प्रोफेसर पी. बी. बिष्ट ने चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा किए गए आविष्कार रमन प्रभाव के बारे मे जानकारी दी।
इसी के साथ रमन प्रभाव के सिद्धांत के अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रभाव की उत्पत्ति कैसे हुई। उनके द्वारा रमन प्रभाव को सरल व विस्तृत रूप से समझाया गया। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। निबंध प्रतियोगिता के सभी विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की शोध छात्रा श्रद्धा लखेड़ा को मिला।
स्नातक विज्ञान संकाय की छात्रा गीतांजलि पांडे एवं गोविंद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय की शोध छात्रा पूजा सिंह को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया व असम के शोधार्थी प्राचार्य सुभाष दास को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। सेमिनार में विज्ञान संकाय तथा विश्विद्यालय के सभी स्टाफ उपस्थित थे। अंत में डॉ0 विशाल शर्मा ने सेमिनार में आए सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ गौरी नेगी द्वारा किया गया।