
ऋषिकेश। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से ऋषिकेश में गंगा नदी उफान पर है। गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के पास पहुंच गया था, जिसकी वजह से ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित कई घाट जलमग्न हो गए हैं। परमार्थ निकेतन का घाट भी पूरी तरह जलमग्न हो गया है। गंगा शिव मूर्ति को छूकर बह रही है।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। उत्तराखंड में बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगा के अलावा तमाम बरसाती नदियों ने रौद्र रूप दिखा दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे उत्तराखंड में भारी बारिश आफत बनकर बरसेगी. प्रशासन ने लोगों को बारिश के चलते पहाड़ी मार्गों पर सफर करने से परहेज करने की सलाह दी है। उत्तराखंड में सड़कों पर आए मलबे को जेसीबी से हटाकर रास्ते खोलने के प्रयास प्रशासन करने में लगा है।
ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी के उफान पर आने से पुलिस ने मुनादी कर नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट किया है। किसी भी प्रकार की आपदा पर पुलिस से सहायता लेने की अपील की है। इसके अलावा यमकेश्वर प्रखंड को जोड़ने वाली बीन नदी भी उफना गई है। नदी के उफान पर आने की वजह से छोटे वाहनों की आवाजाही फिलहाल खतरे को देखते हुए रोकी गई है। लोग ट्रैक्टर पर बैठकर बीन नदी को पार करने में लगे हुए हैं। भारी बारिश की वजह से चंद्रभागा और बीन नदियों में जलस्तर और तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। लगातार हो रही बारिश की वजह से विश्व प्रसिद्ध परमार्थ निकेतन का आरती घाट पूरी तरह गंगा में समा गया है। गंगा की लहरें घाट पर बनी शिव की मूर्ति को छूकर बह रही हैं। आपको बता दें कि 2013 की आपदा के समय भी इसी तरह की तस्वीर सामने आई थी। ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट भी बारिश की वजह से पूरी तरह जलमग्न हो गया है। लोगों को स्नान करने से रोक दिया गया है। आरती भी तय स्थान से अलग जगह की जा रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण के खिलाफ 42 आपत्तियां हुईं दर्ज
देहरादून। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव का समय नजदीक आ गया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत सदस्य ग्राम पंचायत, प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत और सदस्य जिला पंचायत के पदों पर दो चरणों 24 और 28 जुलाई को मतदान हुआ था। 31 जुलाई को मतगणना के साथ ही चुनावी नतीजे जारी किए गए थे। ऐसे में जिला पंचायत आरक्षण को लेकर पंचायती राज विभाग ने अनंतिम सूची भी जारी कर दी थी। जिसके तहत 4 अगस्त की शाम 6 बजे तक आपत्ति मांगी गई थी। जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण के खिलाफ कुल 42 आपत्तियां दाखिल की गई हैं।
बुधवार को जारी होगी जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण की अंतिम सूची हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश के बाकी 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण की अंतिम सूची जारी किए जाने से पहले 1 अगस्त को अनंतिम आरक्षण सूची जारी की गई थी। साथ ही लोगों से आपत्तियां भी मांगी गई थी। इसके तहत 2 अगस्त से 4 अगस्त के बीच कुल 42 आपत्तियां तमाम जिलों में दर्ज हुई हैं। ऐसे में इन सभी आपत्तियों का निस्तारण आज किया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण संबंधित आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए शासन की ओर से समिति का गठन किया गया है। ये समिति प्राप्त हुई 42 आपत्तियों का आज निस्तारण कर रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण के खिलाफ प्रदेश के 9 जिलों से कुल 42 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। नैनीताल, बागेश्वर और अल्मोड़ा जिलों से एक भी आपत्तियां आरक्षण के खिलाफ प्राप्त नहीं हुई है. सबसे अधिक देहरादून जिले में 15 आपत्तियां और पौड़ी जिले में 9 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।