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नाबालिग लड़की को भगाना पड़ा भारी, 20 साल की हुई सजा

टिहरी। नाबालिग लड़की को भगाकर ले जाने फिर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश की अदालत ने दोषी ठहराया है। आरोपी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने 20 साल कठोर कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड जमा न करने पर आरोपी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।अपर जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने बताया कि बीती 9 नवंबर 2020 को टिहरी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत नेपाली मूल के एक व्यक्ति ने पुलिस में तहरीर दी थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि 7 नवंबर से उसकी नाबालिग बेटी घर से गायब है। आस पड़ोस में खोजबीन करने पर भी उसका पता नहीं चल पाया है। जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर खोजबीन शुरू की।वहीं, एक्टिव सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी मेहरबान पुत्र महबूब निवासी ग्राम कलाल हट्टी, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश को करीब एक महीने बाद 21 दिसंबर 2020 को बरामद गिरफ्तार किया। साथ ही पीड़िता को भी बरामद किया।पुलिस ने पीड़िता और आरोपी का मेडिकल कराया। जिसमें नाबालिग लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसे बहला फुसला कर ले गया था। उसने उससे प्यार करने का बहाना बनाया और कई बार उसे हवस का शिकार बनाया।पीड़िता के स्कूल सर्टिफिकेट जांचने पर पता चला कि घटना के वक्त उसकी महज उम्र 15 साल थी। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने 21 फरवरी 2021 को चार्जशीट कोर्ट में पेश की। 5 जुलाई 2023 को मामले में कोर्ट में अंतिम बहस हुई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी शाह ने कई कागजी दस्तावेज, मेडिकल रिपोर्ट और गवाह पेश किए।वहीं, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म का दोषी पाया और 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

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