उत्तराखंड

औने-पौने दामों में नजीबाबाद के व्यापारी खरीद रहे माल्टा

कम कीमत पर माल्टा बेचने को मजबूर हैं कास्तकार
रुद्रप्रयाग। एक ओर सरकार कास्तकारों को फल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समय समय पर फलों की पौध उपलब्ध कराती है। वहीं दूसरी ओर जब फलों का उत्पादन होना प्रारम्भ होता है तो कास्तकारों को ना तो बाजार उपलब्ध होता है ना ही समय पर फलों का समर्थन मूल्य घोषित होता है। ऐसे में कास्तकारों को भारी नुकसान उठाना उठाना पड़ रहा है। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित करने में इतनी देर हो जाती है कि तब तक नजीबाबाद के व्यापारी औने पौने दामों में माल्टा खरीद कर जा चुके होते हैं। कास्तकार भी बन्दरों के डर से नजीबाबाद के व्यापारी को कम कीमत पर माल्टा बेचने में ही अपनी भलाई समझते हैं कि कम से कम लागत तो निकल आये। इस वर्ष भी सरकार ने माल्टा का समर्थन मूल्य अब घोषित किया है। वह भी केवल सी ग्रेड के लिए। ऐसे में अगर किसी कास्तकार ने बन्दरों से किसी प्रकार अपने माल्टों को बचा कर रखा होगा तो वह अपने ए एवं बी ग्रेड के माल्टों को भी सी ग्रेड के मूल्य पर बेचने को मजबूर है। क्योंकि पहाड़ में उसे कोई बाजार उपलब्ध नहीं है। रुद्रप्रयाग जनपद में सबसे अधिक माल्टा उत्पादन करने वाले औरिंग गांव निवासी 90 वर्षीय फल उत्पादक पूर्व सैनिक अजीत सिंह कंडारी का कहना है कि पहाड़ में एक माल्टा ही ऐसा फल है, जो कास्तकार की आर्थिकी में मददगार साबित होता है। अन्यथा पूरा बाजार तो बाहर से आने वाले किन्नू से भरा पड़ा है। इसके बावजूद सरकार माल्टा उत्पादकों की कोई सुध नहीं ले रही है। केवल सी ग्रेड का समर्थन मूल्य घोषित कर अपना पल्ला झाड़ रही है। किशोर न्याय बोर्ड के पूर्व सदस्य नरेन्द्र कण्डारी का कहना है कि सरकार को चाहिए कि किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए पौष्टिकता से भरपूर ए व बी ग्रेड का माल्टा विद्यालयों में मिड डे मील में शामिल करने, आंगनवाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों में वितरित करने, सरकारी कार्यक्रमों में सम्मिलित करके जलागम एवं आजीविका परियोजना, सहकारिता, कृषि, उद्यान आदि विभागों के माध्यम से उपयोग में लाया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button