देहरादून। गोल्ड लोन केप्री ग्लोबल कैपिटल के बिजनेस हेड रवीश गुप्ता ने कहा कि गोल्ड लोन भारत में कर्ज की जरूरत वाले लोगों के बीच पैसे उधार लेने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है और यह सदियों से हमारे समाज का हिस्सा रहा है। पैसों की जरूरत पड़ने पर, लोग इसकी मदद से किसी तरह की परेशानी के बिना सामने आने वाले खर्चों को पूरा कर सकते हैं। औपचारिक वित्तीय संस्थानों की ओर से कम ब्याज दरों, आसान प्रक्रिया, कम दस्तावेजों की जरूरत, लोन की रकम की तुरंत उपलब्धता के साथ-साथ लोन चुकाने के लिए कई तरह के विकल्पों की पेशकश की जाती है, और इसी वजह से गोल्ड लोन लोगों के लिए कर्ज लेने का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। दूसरे लोन की तुलना में गोल्ड लोन को चुकाने की समय-सीमा थोड़ी कम होती है। आमतौर पर, लंबे समय के लिए दिए जाने वाले गोल्ड लोन को चुकाने की अधिकतम अवधि 24 महीने होती है, जिसमें ईएमआई ब्याज का भुगतान निश्चित अंतराल पर किया जाता है और लोन की अवधि की समाप्ति पर मूलधन का भुगतान किया जाता हैय जबकि एकमुश्त चुकाए जाने वाले कम समय के लोन के मामले में यह अवधि छह महीने की होती है।
गोल्ड लोन दरअसल सामान्य मानदंडों एवं शर्तों के तहत दिया जाने वाला एक सिक्योर्ड लोन होता है, जिसके लिए ऐसे लोग भी आवेदन कर सकते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर कम है और पिछला क्रेडिट रिकॉर्ड भी बेहतर नहीं है। हालांकि, कई बार ऐसे हालात भी सामने आते हैं जब गोल्ड लोन चुकाने में चूक हो जाती है। इस बात को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है कि लोन चुकाने में चूक के कई परिणाम हो सकते हैं, और यह हर मामले में अलग-अलग हो सकते हैं। इतना ही नहीं, अलग-अलग वित्तीय संस्थानों की ओर से लोन चुकाने में चूक करने वाले ग्राहकों पर की जाने वाली कार्रवाई में भी अंतर होता है। फिर भी, लोन लेने वाले ग्राहक डिफॉल्ट से बचने के लिए कई कदम उठा सकते हैं, और अगर वे पहले से ही उस रास्ते पर हैं तो इससे बाहर भी निकल सकते हैं। अगर गोल्ड लोन लेने वाला ग्राहक, बार-बार याद दिलाने के बावजूद निर्धारित समय-सीमा के भीतर गोल्ड लोन की पूरी रकम का भुगतान नहीं करता है, तो ऐसी स्थिति में लोन देने वाले संस्थान के पास सोने के गहनों को सार्वजनिक तौर पर नीलाम करने और अपने नुकसान की भरपाई करने का अधिकार होता है। लोन देने वाले संस्थान की ओर से गिरवी रखे सोने की नीलामी से दो हफ्ते पहले ग्राहक को इसकी सूचना दी जाती है। सोने की नीलामी से बचने के लिए, लोन लेने वाला ग्राहक को सूचना का सम्मान करते हुए समय पर जवाब देना चाहिए। बहुत कम मामलों में, सूचना में बताए गए आंशिक भुगतान की अदायगी का विकल्प दिया जाता है, जो पूरी तरह से लोन देने वाले संस्थान के विवेक पर निर्भर है। लोन लेने वालेग्राहक, लोन चुकाने की समय-सीमा को बढ़ाने और लोन चुकाने की अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह संभालने के लिए आंशिक भुगतान के विकल्प पर भी चर्चा कर सकते हैं।