- शरीर में न्यूट्रिशनल डैफिसिएंसी होना भी कैंसर होने का कारण: डा. केपीएस चौहान
- स्वास्थ्य जांच शिविर में 149 व्यक्तियों के शरीर की सम्पूर्ण जांच विदेशी एडवांस टेक्नोलॉजी मशीन से की गई
हरिद्वार। विश्व कैंसर दिवस पर इएमए के सौजन्य से बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर शिव विहार लाल मंदिर आर्य नगर ज्वालापुर में एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया गया। जिसका शुभारंभ विधायक हरिद्वार मदन कौशिक एवं इएमए भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश संयोजक डा. केपीएस चौहान, पार्षद पिंकी चौधरी, सपना शर्मा ने फीता काट कर किया। इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि आइरिस एनालाइसिस डायग्नोसिस शरीर की जांच करने की एडवांस तकनीक है। इस जांच को कराने से शरीर में होने वाली घातक बीमारी से अपना बचाव किया जा सकता है। मदन कौशिक ने कहा कि आने वाला समय इसी जांच तकनीक का है। डा. केपीएस चौहान ने कहा कि शरीर में न्यूट्रिशनल डैफिसिएंसी होना भी कैंसर होने का एक कारण है जो दैनिक भोजन में पौषक तत्वों की कमी से होती है। विश्व में केवल एक ही जांच है जिससे कैंसर का शरीर में होने से पूर्व ही पता चल जाता है और वो जांच है आइरिस एनालिसिस जो इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का मुख्य डायग्नोसिस टूल है।
स्वास्थ्य जांच शिविर में 149 व्यक्तियों के शरीर की सम्पूर्ण जांच विदेशी एडवांस टेक्नोलॉजी मशीन से आइरिस एनालाइसिस डायग्नोसिस के माध्यम से फ्री की गई जिसमें लीवर, गुर्दे , ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर रोग, कोलेस्ट्रॉल, न्यूट्रीशनल डेफिसिएंसी, सरोली, टयूमर, गुर्दे की पथरी, पित्ताशय की पथरी, मेलिगनेंसी से पीड़ित रोगी पाये गये। जांच शिविर में डॉ वी एल अलखनिया, डॉ एस के अग्रवाल, डॉ विक्रम सिंह, डॉ ए पी अग्रवाल, डॉ ए के कुशवाहा, डॉ गुलाम साबिर, डॉ सी यू अंसारी, डॉ एम टी अंसारी, के के शर्मा, डॉ एस मेहता, डॉ ए अली, डॉ एस पाल, डॉ बी बी कुमार, डॉ कमलेश शर्मा, डॉ ए खान, डॉ बी एस ठाकुर इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षु चिकित्सक लक्ष्मी कुशवाहा, शमा परवीन, मंजुला होलकर, हीना कुशवाहा, शिवांगी, विनीत सहगल ने जांच शिविर में अपनी सेवाएं दी।