उत्तराखंड

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति दी

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए छात्रों को उनके नवाचारों और परिश्रम के लिए बधाई दी।

देहरादून 21 मई। राजभवन देहरादून में आयोजित कुलपति सम्मेलन के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर द्वारा सेमीकंडक्टर क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति दी गई। विश्वविद्यालय के चार छात्रों अंजली गोस्वामी, विदुषी मित्तल, श्रेयांश और वंश अग्रवाल ने एक विस्तृत तकनीकी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया कि भारत सरकार के चिप टू स्टार्टअप (सीटूएस) कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय को लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से वीएलएसआई लैब की स्थापना हेतु उन्नत उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इन उपकरणों के माध्यम से छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। विगत एक वर्ष में 30 से अधिक छात्रों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया है तथा उन्हें इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किए गए हैं। प्रत्येक वर्ष 60 छात्रों को 06 सप्ताह की औद्योगिक ट्रेनिंग और इंटर्नशिप दी जाएगी। यह गर्व का विषय है कि इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त सभी 10 छात्रों का चयन सेमीकंडक्टर स्टार्टअप ‘नेक्स्ट्रॉन टेक्नोलॉजी’ में हो चुका है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पंतनगर निकट भविष्य में सेमीकंडक्टर स्टार्टअप्स का प्रमुख केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में युद्ध तकनीकी होंगे, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और गाइडेड मिसाइलों की भूमिका निर्णायक होगी, और इनमें सेमीकंडक्टर चिप्स की अहम भूमिका होगी। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि तकनीकी क्षेत्र में छात्र स्वयं के गुरु और शिष्य दोनों होते हैं। उन्हें न केवल सीखना है, बल्कि दूसरों को प्रशिक्षित करना भी है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए छात्रों को उनके नवाचारों और परिश्रम के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभागाध्यक्ष तथा निदेशक सेल्फ फाइनेंस कोर्स डॉ. आर.पी.एस. गंगवार, निदेशक शोध डॉ. अजीत सिंह नैन, तथा छात्र-छात्राएं अंजली गोस्वामी, विदुषी मित्तल, श्रेयांश, वंश अग्रवाल, पायल बिष्ट, ज्योति पंत, करण बत्रा, मोहित पाण्डेय, मोहित सरकार और विवेक कुमार उपस्थित रहे।

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