देहरादून। राजधानी दून के रायवाला क्षेत्र में खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने शनिवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां सूखी नदी के किनारे एक ऐसे पनीर बनाने के कारखाने का भंडाफोड़ किया गया है, जिसके पास लाइसेंस नहीं था। मौके पर नकली पनीर बनाने में प्रयुक्त होने वाले एसिटिक एसिड, पाम ऑयल और अरारोट के ड्रम बरामद किए गए हैं। विभाग की टीम ने जहंा मौके पर पांच सैंपल भरे है वहीं फिलहाल कारखाने को बंद कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार बीते कुछ दिनों से खाद्य एंव सुरक्षा विभाग को सूचना मिल रही थी कि रायवाला क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा पनीर बनाने के अवैध कारखाने को संचालित किया जा रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए आयुक्त खाघ सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डा. आर राजेश कुमार के निर्देश पर अपर आयुक्त ताजवर सिंह ने उपायुक्त आरएस रावत के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। आज सुबह करीब 6 बजे टीम द्वारा उक्त सूचना के आधार पर सूखी नदी के किनारे बने पनीर के एक कारखाने पर छापेमारी की। विभाग के अभिहित अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि मौके पर जांच के दौरान नकली पनीर बनाने का काफी सामान बरामद किया गया। जिसमें करीब 60 किलो एसिटिक एसिड, दो ड्रम यानी 80 किलो आरारोट और 10 लीटर पाम आयल शामिल है। बताया कि कारखाना संचालक के पास कोई लाइसेंस नहीं था। उसने सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराया हुआ था, जिसे निरस्त कर दिया गया है। मौके से बरामद पनीर के पांच सैंपल लिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन के मुताबिक कुल 100 किलो पनीर बनाने की क्षमता इनके पास है, लेकिन मौके से करीब दो कुंतल पनीर बरामद किया गया। जिसे मौके पर हीं नष्ट कर कारखाने को बंद कर दिया गया है। नमूना रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह पनीर ऋषिकेश ही नहीं बल्कि गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों में आपूर्ति किया जाता था। इस कार्रवाई में अभिहित अधिकारी हरिद्वार एमएस जोशी, वरिष्ठ खाघ सुरक्षा अधिकारी देहरादून रमेश सिंह, दिलीप जैन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेंद्रनगर, बलवंत सिंह चैहान, विपिन, एफडीए विजिलेंस से संजय नेगी, योगेंद्र नेगी मौजूद रहे।