जरा भी आभास होता तो वह पत्नी को दूसरे हेलिकॉप्टर में आने के लिए नहीं छोड़ते – धर्मपाल सिंह।

बिजनौर – ( नगीना ) केदारनाथ में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाली अधिवक्ता धर्मपाल सिंह की पत्नी विनोद देवी और उनकी नातिन तुष्टि का अधजला शव काली पन्नी में लिपटकर सोमवार सुबह जैसे ही घर पहुंचा चीख पुकार मच गई। महिला विनोद देवी और उनकी नातिन के शव के अवशेष काली पन्नी की पोटली में बंधकर आए। जिन्हें लाने के लिए उत्तराखंड से कोई एंबुलेंस नहीं मिली। दोनों के शव एक ही कार में लाए गए। नजीबाबाद आकर एंबुलेंस मिली, जहां से तुष्टि के शव को बिजनौर स्थित आवास की तरफ भेजा गया जबकि विनोद देवी का शव कार से ही नगीना पहुंचा। नगीना में विनोद देवी के अंतिम दर्शन करने से वंचित रह गए परिजनों की पीड़ा ऐसे समय में दोगुनी थी। जीवनसाथी का 48 साल लंबा साथ हमेशा के लिए छूट जाने का दर्द धर्मपाल सिंह की आंखों और लबों पर भी था। उनके अनुसार यदि उन्हें जरा भी आभास होता तो वह पत्नी को दूसरे हेलिकॉप्टर में आने के लिए नहीं छोड़ते। वहीं बिजनाैर में तुष्टि का शव काली पन्नी में लिपटकर पहुंचा तो परिजन बेहद गमगीन हो गए। चारों ओर चीख पुकार मची थी।