उत्तराखंड

हाईकोर्ट ने 380 विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक  

  • सरकार को नियमावली में संशोधन के दिए निर्देश

हल्द्वानी। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के अध्यापन के लिए नियुक्त किए जा रहे 380 विशेष शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वर्ष 2012 की भर्ती नियमावली में संशोधन करें। एनसीटीई, सीबीएसई और राज्य सरकार के बोर्ड से भी शिक्षकों की भर्ती अर्हता नियमावली को बदलने के लिए पुनर्विचार करने के लिए गया। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।  मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। दिनेश चंद्र मठपाल, गोपाल गौनिया और 50 अन्य अभ्यर्थियों ने विशेष शिक्षकों की भर्ती के लिए निर्धारित प्रावधानों को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं के अनुसार 2010 से प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक (विशेष शिक्षकों) के 380 पद रिक्त पड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद इन पदों के लिए 25 मार्च 2023 को विज्ञप्ति जारी की गई थी।
विज्ञप्ति में अर्हता रखी गई कि उम्मीदवार को बीएड स्पेशल शिक्षा के साथ ही टीईटी प्रथम उत्तीर्ण होना आवश्यक है। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि एनसीटीई, सीबीएसई और राज्य सरकार के बोर्ड, बीएड स्पेशल शिक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को टीईटी प्रथम में बैठने की अनुमति नहीं देते हैं। इसके बावजूद विशेष शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी अर्हता अनिवार्य रखी गई। उन्होंने इस नियमावली में संशोधन करने की मांग की।

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