उत्तराखंडदेहरादून

बर्फ के आगोश में समाया सबसे ऊंचा गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब

चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
बर्फबारी के बाद श्री हेमकुंड साहिब का सुंदर नजारा,10 अक्टूबर (शुक्रवार) को बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट,अब तक 2 लाख 70 हजार 5 सौ 60 तीर्थ यात्री टेक चुके हैं हेमकुंड साहिब में मत्था।
15,000 फीट की अविश्वसनीय ऊंचाई पर स्थित सिखों का पवित्रतम और सबसे ऊँचा गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब, बर्फ की एक मोटी और शांत चादर में पूरी तरह से लिपट गया है। रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी के चलते, यह दिव्य स्थल अब किसी बर्फीले स्वर्ग जैसा प्रतीत हो रहा है, जहाँ केवल सफेद शांति का साम्राज्य है। अचानक हुए इस हिमपात ने न केवल मौसम का मिजाज बदला है, बल्कि तीर्थयात्रियों और सेवादारों के लिए एक गंभीर चुनौती भी खड़ी कर दी है। खबरों के अनुसार,पवित्र धाम में दो फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। गुरुद्वारे के चारों ओर की झील और पर्वत श्रृंखलाएँ अब श्वेत वस्त्र धारण कर चुकी हैं, जो इस स्थान की दिव्यता को और भी बढ़ा रहा है।
10 अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने वाले हैं। इतनी भारी बर्फबारी के बीच,एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें बहादुरी से काम कर रही हैं। वे भक्तों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने और रास्ता साफ करने के लिए बर्फ हटाने के कठिन कार्य में जुटी हुई हैं। जानकारों का कहना है कि अक्टूबर के महीने में इतनी भीषण बर्फबारी 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ रही है। यह अप्रत्याशित हिमपात इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पहाड़ों में मौसम चक्र तेजी से बदल रहा है.हेमकुंड साहिब का यह दृश्य,जहाँ बर्फ की शांति और भक्ति की अटूट आस्था एक साथ मिलती है, वास्तव में विस्मयकारी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button