उत्तराखंडदेहरादून

द लिटरेरी टेबल द्वारा आयोजित आर्ट्स एंड लिटरेचर फेस्टिवल का भव्य उद्घाटन

देहरादून। एरोग्य वेलबीइंग ट्रस्ट की पहल द लिटरेरी टेबल द्वारा आयोजित साहित्य और कला महोत्सव का भव्य उद्घाटन आज किया गया। उद्घाटन समारोह का दीप प्रज्ज्वलन अभिनेत्री और लेखिका मुनमुन सेन, लेखक अद्विता काला, लेखिका रूपा सोनी, ओएसिस स्कूल की संस्थापक प्राची ओबेरॉय और प्रबंधक संजीव बाटला सहित फेस्टिवल डायरेक्टर डॉ अलोका नियोगी की उपस्थिति में हुआ। यह महोत्सव साहित्य, कला और विचारों के उत्सव के रूप में आयोजित किया गया है। यह महोत्सव का दूसरा संस्करण है और इसे एरोग्य वेलबीइंग ट्रस्ट के अंतर्गत प्रस्तुत किया गया है।
महोत्सव का पहला सत्र “द मिलेट मार्वल: प्राचीन अनाज की शक्ति” रोपा सोनी द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस सत्र का संचालन सिद्धांत अरोड़ा ने किया और द ओएसिस के छात्रों ने सह-निर्देशन किया। सत्र में पारंपरिक अनाजों के महत्व, उनके पुनरुद्धार और आधुनिक पोषण तथा स्थिरता में उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा हुई।
इसके पश्चात “कहानी के नया स्वरूप: लेखक से पटकथा लेखक और कथावाचक तक” विषयक सत्र में प्रसिद्ध लेखक अद्वैत काला ने रमा चोपड़ा और साक्षे अरोड़ा के साथ संवाद किया। इस सत्र में विभिन्न माध्यमों में कहानी कहने की प्रक्रिया और उसके बदलते स्वरूप पर प्रकाश डाला गया। तीसरे सत्र “हरित सोना: जैविक खेती और कृषि उद्यम” का नेतृत्व डॉ. हरिका राजेश कुमार ने किया। संचालन शिवम ने किया और द ओएसिस के छात्रों ने सह-निर्देशन किया। इस चर्चा में जैविक खेती के लाभ, टिकाऊ कृषि और नए उद्यम के अवसरों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। दिन का अंतिम सत्र “चुम्बन और मृत्यु के बीच: इच्छाओं का गहरा विश्लेषण” डॉ. रुबी गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया। सत्र का संचालन डॉ. अलोका नियोगी तथा द ओएसिस के छात्रों द्वारा सह-निर्देशन किया गया। इस सत्र में मनोवैज्ञानिक गहराई और मानवीय भावनाओं की जटिलताओं पर चर्चा हुई, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शाम के सत्र मे चाय ब्रेक और पुस्तक हस्ताक्षर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को लेखकों से मिलने और उनके ग्रंथों पर हस्ताक्षर प्राप्त करने का अवसर मिला। दिन का समापन विशेष “लेखकों से मिलन और संवाद” सत्र (केवल आमंत्रित अतिथियों के लिए) से हुआ, जिसमें लेखक और उपस्थित अतिथियों के बीच गहन विचार-विमर्श और नेटवर्किंग का अवसर प्राप्त हुआ। महोत्सव का दूसरा दिन और भी अनेक सत्र, कार्यशालाएँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ आयोजित किया जाएगा, जो साहित्य और कला के विविध आयामों को मनाने का अवसर प्रदान करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button