देहरादून : 12 कैटेगरी के असहाय लोगों को सरकार फ्री कानूनी मदद दे रही है | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सचिव व वरिष्ठ सिविल जज ने बताया अगर यह लोग कानूनी लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं हैं तो 12 वर्ग में शामिल महिलाएं, बच्चे, बंधुआ मजदूरों और कैदियों को कानूनी मदद मांगने का हक हैै|
समाज में कई तरह के लोग रहते हैं वहीं, कई मामलों में गरीब तबके के लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ जाते हैं | जबकि कुछ मामलों में अधिवक्ता की जरूरत होती है | अगर अधिवक्ता की बात करें तो बड़ी रकम वकीलों के पीछे भी खर्च करनी पड़ जाती है| इस समय सरकार असहाय लोगों के लिए निःशुल्क अधिवक्ता देने की योजना चला रही है | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सचिव व वरिष्ठ सिविल जज ने जानकारी देते हुए बताया कि समाज में मजदूर या अन्य कुछ चयनित वर्गों को निःशुल्क विधिक सेवा देने का उद्देश्य यही है कि उन्हें आर्थिक और मानसिक तौर पर सशक्त बनाते हुए कानूनी लड़ाई और न्याय के लिए तैयार किया जाए | उन्होंने बताया कि ऐसे 12 वर्ग जिनमें महिलाएं ,बच्चे, बंधुआ मजदूरों और कैदी जैसी कैटेगरी शामिल हैं, यह लोग कानूनी लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं हैं, उनकी मदद के लिए हम काम कर रहे हैं|
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवेदन देकर ऐसे लोग मदद मांग सकते हैं | सरकार की ओर से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे लोगों को निःशुल्क अधिवक्ता यानी मुफ्त वकील मुहैया कराती है | इसके अलावा देहरादून में चीफ लीगल डिफेंस काउंसिल सिस्टम भी कार्यरत हैं | इनके माध्यम से भी बड़े मामलों में भी काम किया जाता है |
• साल 2022 में इतने लोगों की हुई मदद : –
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून सचिव व वरिष्ठ सिविल जज ने जानकारी देते हुए कहा कि बीते वर्ष यानी साल 2022 में 849 लोगों को मुफ्त अधिवक्ताओं के माध्यम से असहाय लोगों की मदद की गई | उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून का मुख्य उद्देश्य है कि सभी लोगों को न्याय सुनिश्चित करवाए | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्राविधिक कार्यकर्ता समाज में जाकर हर तबके की परेशानी की पहचान कर उनका मार्गदर्शन करते हैं | इसके अलावा स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के कई कैम्प और राष्ट्रीय लोक अदालतों के माध्यम से भी प्रत्येक नागरिक को विधिक सहायता और मार्गदर्शन के लिए काम किया जाता है |
ग्राउंड पर लोगों के बीच जाकर काम करने वाली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्राविधिक कार्यकर्ता नाजमा परवीन ने बताया कि राजधानी के प्रत्येक थानों में पीएलवी यानी प्राविधिक कार्यकर्ता हर मंगलवार को बैठते हैं और यहां आने वाले परेशान लोगों को सही दिशा बताते हैं कि कैसे क्या किया जाए | इसमें हम घरेलू हिंसा आदि मामलों में आपसी समझौते बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो कमजोर पक्ष को पात्र होने पर उसे नि:शुल्क अधिवक्ता के लिए जानकारी देकर उसकी मदद की जाती है |
अगर आपको किसी भी मुकदमे में अधिवक्ता की जरूरत है, तो आप निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करने के पात्र हैं | इसके लिए आप मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी परिसर, देहरादून में स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून (दूरभाष संख्या 0135-2520873 एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की ई-मेल आई०डी० [disa- deh-uk@nic.in) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर नि:शुल्क अधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं |
• निःशुल्क विधिक सहायता के लिए पात्र कौन हैं ?
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के सभी नागरिक, संविधान के अनुच्छेद-23 में वर्णित मानव दुर्व्यव्हार / बेगार के शिकार व्यक्ति, सभी महिलाएं और बच्चे, सभी विकलांग एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, बहुविनाश, जातीय हिंसा, जातीय अत्याचार, बाढ़, सूखा एवं भूकम्प या औद्योगिक क्षेत्र में संकट जैसे दैवीय आपदा से पीड़ित व्यक्ति, क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी मजदूर, जेल / कारागार / संरक्षण गृह / किशोर गृह एवं मनोचिकित्सक अस्पताल या परिचर्या गृह में निरूद्ध सभी व्यक्ति, भूतपूर्व सैनिक, किन्नर समुदाय के व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्ति, सभी ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक हो |