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बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व जाने-माने फिल्म टीवी कलाकार हेमंत पांडे।

उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हेमंत पांडे ने की कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या से मुलाकात

उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व जाने-माने फिल्म टीवी कलाकार हेमंत पांडे ने आज कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या से मुलाकात की।
आज सिनेमा और टीवी जगत के जाने-माने कलाकार देवभूमि निवासी हेमंत पांडे उत्तराखंड राज्य की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे जहां उन्होंने कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उनके साथ कई विषयों पर चर्चा हुई। कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने श्री पांडे को उनके भविष्य के प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं दी। कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा की हेमंत पांडे एक प्रख्यात भारतीय अभिनेता हैं, जिन्होंने फिल्म, रंगमंच, और टेलीविजन की दुनिया में अपनी बहुमुखी प्रतिभा से एक खास पहचान बनाई है। अभिनेता हेमंत पांडे को ‘चल गुरू हो जा शुरू’, ‘लव यू शंकर’, ‘क्रिश’, ‘बधाई हो बधाई’, ‘मिलेंगे मिलेंगे’ जैसी फिल्मों में उनके किरदार के लिए जाना जाता है।
गौरतलब हैं की मशहूर एक्टर हेमंत पांडेय उत्तराखंड के जाने माने शिक्षक से शिकारी बने लखपत सिंह रावत के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाने जा रहे है। इस फिल्म में बाघ 12 छात्रों को अपना निवाला बना लेता है, जिसके बाद लखपत सिंह रावत किस तरह वह शिक्षक से एक शिकारी बन जाते हैं, उसे फिल्माया गया है।
उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन व जाने-माने फिल्म टीवी कलाकार हेमंत पांडे उत्तराखंड में पलायन और बाघों की समस्या को लेकर एक फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं। ‘ए भोइ बाघ’ टाईटल की इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग पिथौरागढ़ और पहाड़ों के पलायन से खाली हो रहे गांवों में होगी। हेमंत पांडे ने बताया कि सरकार के सहयोग से बनने वाली इस फिल्म की लागत करीब तीन करोड़ रुपए है जिसे 18 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। फिल्म में स्थानीय कलाकारों को अभिनय का मौका दिया जाएगा। उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हेमंत पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में फिल्म विकास के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है हालांकि धामी सरकार ने इस ओर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग की अनेक लोकेशन हैं। उत्तराखंड के खाली पड़े गांवों को भी शूटिंग विलेज के रूप में विकसित किया जा सकता है।

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