
वन विभाग हैरान, सभी को देगा मुआवजा
देहरादून। राजधानी देहरादून में रविवार देर रात हाथी ऐसी जगह पहुंच गए जहां पर पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं कर सकता। नवादा की कॉलोनी में शायद ही कोई वहां पर रहने वाला व्यक्ति इस बात की कल्पना कर सकता है कि हाथी उस जगह पर भी पहुंच सकते हैं। शहर के बीचों-बीच इस रिहायशी इलाके में जब हाथी पहुंचे तो न केवल उन्होंने वहां खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया बल्कि घर में घुसने की कोशिश करते हुए घरों की दीवारों और दरवाजे तक हाथियों ने तोड़ कर रख दिया।
उत्तराखंड में जंगली जानवर लगातार रिहायशी इलाकों में दाखिल हो रहे हैं। कुमाऊं और गढ़वाल के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर बाघ, हाथी और अन्य जंगली जानवर खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं। हरिद्वार भी ऐसे जंगली जानवरों से बेहद परेशान है। यहां भी नेशनल हाईवे से लेकर गंगा किनारे कई बार गजराज आ धमकते हैं। ताजा मामला राजधानी देहरादून के नवादा क्षेत्र का है। नवादा में देर रात लगभग 2 बजे दो हाथी अपने बच्चों के साथ कॉलोनी में घुस गए। हाथियों ने कॉलोनी में खड़ी गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की।
यह सिलसिला लगभग 2 घंटे तक चलता रहा। बताया जा रहा है कि हाथियों ने चार स्कूटी और आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को नुकसान पहुंचाते हुए उनके शीशे तोड़ दिए। कई तरह का नुकसान गाड़ियों को पहुंचा है। इतना ही नहीं कुछ घरों की दीवारों को इन हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं हाथियों ने एक घर में घुसने की कोशिश भी की। जिससे रेलिंग और दीवार को भी नुकसान पहुंचा है। इस क्षेत्र के लोग कल रात के इस पूरी घटना के बाद डरे हुए हैं।
राजधानी देहरादून के डीएफओ नीरज शर्मा के मुताबिक वन विभाग भी इस घटना से हैरान है। इस घटना के बाद फिलहाल नवादा के इस क्षेत्र में वन विभाग ने अपने कुछ कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। जिस जगह से यह हाथी कॉलोनी में दाखिल हुए हैं वहां पर एक बड़ी खाई खोदी जा रही है। जिससे हाथी दोबारा इस रिहायशी इलाके में ना आए। नीरज शर्मा के मुताबिक तार बाढ़ का भी प्रपोजल शासन को भेजा जा रहा है। जिससे जंगली जानवरों की आमद दोबारा इस क्षेत्र में ना हो। इसके साथ ही हाथियों ने जो नुकसान लोगों की गाड़ियों और घरों को पहुंचा है उनकी रिपोर्ट बनाकर सभी को मुआवजा दिया जाएगा।