स्वास्थ्यराष्ट्रीय

पाचन को मजबूत बनाने के लिए बादाम खाएं

  • नई रिसर्च से पता चला है कि बादाम खाना आंतों में फायदेमंद बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है – जो बेहतर पाचन और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।

नई दिल्ली। दो नए व्यापक शोध पत्रों में यह दर्शाया गया है कि रोज़ाना बादाम का सेवन एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
मुख्य निष्कर्ष:
बादाम संभावित प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं — ऐसा आहार स्रोत जो लाभकारी आंत बैक्टीरिया की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है और स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम को बनाए रखने में मदद करता है।
बादाम के सेवन से ब्यूटायरेट नामक शॉर्ट-चेन फैटी एसिड का निर्माण बढ़ता है, जो आंतों और हृदय के अच्छे स्वास्थ्य में सहायक होता है।
बादाम आंत और हृदय को जोड़ने वाले मार्ग, जिसे ‘गट-हार्ट एक्सिस ‘ कहा जाता है, में भूमिका निभा सकते हैं।
“पहले समीक्षा के निष्कर्ष: बादाम का संभावित प्रीबायोटिक प्रभाव”
कैलिफ़ोर्निया आलमंड बोर्ड द्वारा प्रायोजित पहले शोध में यह समीक्षा की गई कि किस प्रकार बादाम एक संभावित प्रीबायोटिक के रूप में कार्य कर सकते हैं और यह आंत स्वास्थ्य को कैसे लाभ पहुँचा सकते हैं।
प्रीबायोटिक्स ऐसे तत्व होते हैं जो बड़ी आंत में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण प्रदान करते हैं, जिससे उनकी संख्या और कार्यक्षमता बढ़ती है। यह संतुलित व विविध आंत माइक्रोबायोटा को बनाए रखने में सहायक होता है, जो स्वस्थ पाचन, मज़बूत प्रतिरक्षा प्रणाली और नवीनतम शोधों के अनुसार, बेहतर मस्तिष्क कार्य और रोग प्रतिरोध में भी भूमिका निभा सकता है।
व्यापक समीक्षा में यह निष्कर्ष निकला कि बादाम एक कार्यात्मक खाद्य पदार्थ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, विशेष रूप से उनके प्रीबायोटिक गुणों के कारण।
बादाम आंत की सेहत के लिए इन तरीकों से फायदेमंद साबित हुए:
आंत में अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन और विविधता बेहतर बनाना
लाभकारी आंत बैक्टीरिया जैसे बिफिडोबैक्टीरियम, लैक्टोबैसिलस और रोज़बुरिया के स्तर को बढ़ाना
शॉर्ट-चेन फैटी एसिड्स (SCFAs) जैसे लाभकारी यौगिकों के उत्पादन को बढ़ाना, जो आंत की परत की रक्षा करते हैं, सूजन को कम करते हैं और मेटाबॉलिक हेल्थ को सहारा देते हैं।
यह शोध दर्शाता है कि बादाम प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं और आंत की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं,” कहा प्रोफेसर जैक गिल्बर्ट ने, जो यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया सैन डिएगो में कार्यरत हैं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की न्यूट्रिशन फॉर प्रिसिजन हेल्थ पहल के प्रोजेक्ट लीड हैं और इस शोध पत्र के सह-लेखक भी हैं। “बादाम में डाइटरी फाइबर, पॉलीफेनॉल्स और ओलिगोसैकेराइड्स जैसे अपाच्य कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो प्रीबायोटिक प्रभाव प्रदान करते हैं। ये पोषक तत्व आंतों में मौजूद लाभकारी बैक्टीरिया द्वारा पचाए जाते हैं, जिससे उनके विकास को समर्थन मिलता है और वे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड्स जैसे लाभकारी यौगिकों का उत्पादन करते हैं।”
इस शोध में बादाम और आंत स्वास्थ्य से जुड़ी उपलब्ध जानकारियों की समीक्षा की गई, जिसमें लैब में किए गए प्रयोग (इन विट्रो स्टडीज़), क्लिनिकल ट्रायल्स और सिस्टमैटिक रिव्यूज़ (जो किसी खास विषय पर कई अध्ययनों के निष्कर्षों को एकत्रित करते हैं) शामिल थे। हालाँकि शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि बादाम का प्रीबायोटिक प्रभाव दिखाने के लिए पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं, फिर भी उन्होंने यह ज़ोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है, खासकर ऐसे अध्ययन जिनमें मानकीकृत (standardized) तरीकों का उपयोग किया गया हो।
“ये जानने के लिए कि आंत की सेहत के लिए कितने बादाम और कितने समय तक खाने चाहिए, और भी रिसर्च की ज़रूरत है,” गिल्बर्ट ने कहा।
दूसरी समीक्षा के निष्कर्ष: गट-हार्ट एक्सिस में बादाम की भूमिका
इंटरनेशनल साइंटिफिक एसोसिएशन फॉर प्रोबायोटिक्स एंड प्रीबायोटिक्स (ISAPP) के अनुसार, प्रीबायोटिक्स को इस प्रकार परिभाषित किया गया है: “ऐसा पदार्थ जिसे शरीर में मौजूद सूक्ष्मजीव विशेष रूप से उपयोग करते हैं और जो स्वास्थ्य को लाभ पहुँचाता है।”
दूसरे रिसर्च पेपर में, जिसे कैलिफ़ोर्निया आलमंड बोर्ड ने फंड किया था, यह जांच की गई कि बादाम खाने से दिल और पेट दोनों की सेहत कैसे बेहतर होती है, और इन दोनों का आपस में क्या संबंध है।
धकर्ताओं ने कई अध्ययनों की समीक्षा की और एक चर्चा पत्र में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए, जिसमें उन्होंने बताया कि बादाम के सेवन का हृदय स्वास्थ्य, संबंधित जोखिम कारक और आंत माइक्रोबायोम पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस समीक्षा ने भी, पहली समीक्षा की तरह, निष्कर्ष निकाला कि बादाम लाभकारी आंत बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं और विशेष रूप से ब्यूटिरेट जैसे शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCFAs) के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इस समीक्षा में यह भी पुष्टि हुई कि बादाम खाने से हृदय स्वास्थ्य को समर्थन मिलता है, उदाहरण के लिए, “खराब” LDL कोलेस्ट्रॉल और रक्त में सुधार होता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी अनुमान लगाया कि क्या बादाम का आंत स्वास्थ्य पर प्रभाव हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। “गट-हार्ट एक्सिस कार्डियोवैस्कुलर शोध में एक उभरता और रोमांचक क्षेत्र है, और हमारे साहित्य समीक्षा से पता चलता है कि बादाम इसका सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं,” कहा डॉ. रविंदर नागपाल ने, जो इस पेपर के सह-लेखक और फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में द गट बायोम लैब के निदेशक हैं। “बादाम खाने से आंत माइक्रोबायोम नियंत्रित होता है, लाभकारी बैक्टीरिया की वृद्धि होती है, और ब्यूटिरेट का उत्पादन बढ़ता है। ये सब मिलकर सूजन को कम करने और मेटाबॉलिक कार्य में मदद करते हैं। यह बादाम के कई कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभावों की व्याख्या कर सकता है।”
अध्ययनों पर पोषण और वेलनेस कंसल्टेंट शीला कृष्णस्वामी ने कहा, “आंत स्वास्थ्य को अब शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की भलाई की बुनियाद माना जा रहा है। सही प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, सब्ज़ियां, फल, मेवे आदि का सेवन करके आंत स्वास्थ्य बनाए रखना बीमारी से बचाव और स्वास्थ्य अवधि को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। यह जानकर अच्छा लगा कि नवीनतम अध्ययन बताता है कि बादाम प्रीबायोटिक की तरह काम कर आंत के लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ा सकते हैं। आंत के बैक्टीरिया द्वारा बनता हुआ ब्यूटिरेट सूजन कम करने में मदद करता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है। बादाम पहले से ही LDL-कोलेस्ट्रॉल और कुल कोलेस्ट्रॉल को कम करने, रक्त शर्करा स्तर और शरीर की संरचना में सुधार करने के लिए जाने जाते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को घटाने में मदद करता है। इसके अलावा, सूजन में कमी से हृदय स्वास्थ्य को भी लाभ हो सकता है, जिससे बादाम हृदय के लिए एक अनुकूल भोजन बनते हैं।”
“हालिया शोध से पता चला है कि रोजाना बादाम खाने से आंत का माइक्रोबायोम स्वस्थ रहता है। एक प्राकृतिक प्रीबायोटिक के रूप में बादाम लाभकारी आंत बैक्टीरिया को पोषण देते हैं, जो संपूर्ण आंत स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं। संतुलित आंत सूजन कम करने और मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को समर्थन देने में अहम भूमिका निभाती है — ये कारण बादाम के हृदय-सुरक्षात्मक लाभों को समझा सकते हैं,” कहा मैक्स हेल्थकेयर, दिल्ली की क्षेत्रीय प्रमुख – डाइटेटिक्स, रितिका समद्दार ने।
शोधकर्ताओं ने स्वीकार किया कि आंत और हृदय के बीच कैसे बातचीत होती है और बादाम के सेवन का इसका प्रत्यक्ष प्रभाव समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी नोट किया कि बादाम खाने के बाद आंत के माइक्रोब्स द्वारा उत्पन्न पदार्थों का कार्डियोमेटाबोलिक स्वास्थ्य पर विशेष प्रभाव देखने वाले अध्ययनों की कमी है।
दोनों शोधपत्र हाल ही में प्रकाशित एक सहमति पत्र के निष्कर्षों को दोहराते हैं, जिसमें पुष्टि की गई है कि बादाम खाने से लाभकारी बैक्टीरिया की वृद्धि होती है और शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCFAs) सहित अन्य पदार्थों का उत्पादन होता है, जो मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
बादाम में कई पदार्थ पाए जाते हैं जो प्रीबायोटिक क्रियाशीलता दिखाते हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
आंत माइक्रोबायोम में बड़ी आंत में रहने वाले सारे छोटे-छोटे जीव, उनका जेनेटिक मटेरियल और जो भी चीज़ें वे बनाते हैं, शामिल होती हैं।
कार्डियोमेटाबोलिक हेल्थ मतलब हमारे दिल और खून की नलिकाओं की सेहत और शरीर में शुगर और फैट के टूटने-गुज़रने की प्रक्रियाओं का ठीक होना।
फाइबर: बादाम में आहार फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, एक औंस (लगभग 28 ग्राम) में 4 ग्राम फाइबर होता है।
पॉलीफेनॉल्स: बादाम में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो शोध टीम के अनुसार “प्रीबायोटिक की तरह काम करते हैं, लाभकारी आंत बैक्टीरिया की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं और अपने एंटीऑक्सिडेंट (विटामिन E) और रोगाणुरोधी प्रभाव के माध्यम से माइक्रोबायोम को नियंत्रित करते हैं।”
ओलिगोसैकराइड्स (गैर-पचने वाले कार्बोहाइड्रेट): ये कार्बोहाइड्रेट आंत में लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण देते हैं।
एक औंस (लगभग 28 ग्राम) बादाम में मिलते हैं – 6 ग्राम प्रोटीन, 4 ग्राम फाइबर, 13 ग्राम अच्छी वसा (असंतृप्त), और सिर्फ 1 ग्राम खराब वसा (संतृप्त)।साथ ही इसमें हैं

15 ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स जैसे: 77 मिग्रा मैग्नीशियम (18% डेली वैल्यू), 210 मिग्रा पोटैशियम (4%),और 7.27 मिग्रा विटामिन E (50%)। बादाम एक बढ़िया स्नैक है, अनाज या दही पर डालने के लिए एकदम परफेक्ट, और सब्ज़ियों की करी, स्टर फ्राय या सलाद में स्वाद और सेहत दोनों जोड़ते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button