
चमोली। लगातार हो रही बारिश के कारण चमोली जिले के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। जगह-जगह भू स्खलन, भू धंसाव होने से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सम्पर्क मोटर मार्ग भी अवरूद्ध हो रहें हैं। पेयजल लाइन व विधुत लाइनों के पोल गिरने व फाल्ट आने से विधुत आपूर्ति के साथ ही पेयजल आपूर्ति भी बाधित हुई है।
गौचर के समीपवर्ती विकास खंड पोखरी के ग्राम काण्डा में भू धंसाव व भू-स्खलन से आवासीय भवनों में आई दरारों से भवन रहने लायक नहीं रहे हैं।आवासीय भवनों के साथ ही गोशालाओं आदि को भी नुक्सान पहुंच रहा है। आपदा प्रभावित ग्राम निवासी काण्डा,विरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि काण्डा गांव में लगातार भू धंसाव व भू-स्खलन से आवासीय भवनों क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। क्षतिग्रस्त आवासीय भवन रहने के लायक नहीं रहे हैं। प्रशासन द्वारा जो आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है वह ना के बराबर है। हमने लाखों रुपए खर्च करके आवासीय भवन बनाये है। जबकि प्रशासन द्वारा हमें एक लाख तीरीश हजार रुपए ही दिये जा रहें हैं। उचित आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर हमें विस्थापित किया जाय।
दरअसल विगत कई दिनों से क्षेत्र में लगातार बारिश से जूनियर हास्कूल क्वींठी का नव निर्मित भवन धंसने के कागार पर पहुंच गया है। ग्राम प्रधान मुकेश रावत ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से कई आवासीय भवनों एवं गौशालों में दरारें आ चुकी है। काण्डा के ग्राम प्रधान कल्याण सिंह रावत का कहना है कि गांव के वलवन्त सिंह रावत,रणवीर सिंह रावत, जयेश रावत, रविन्द्र रावत, कुंदन सिंह, बलवीर सिंह, बिरेन्द्र सिंह रावत, गोपाल सिंह, नरेन्द्र सिंह, मुकेश सिंह, दमयंती देवी, संदीप सिंह के आवासीय भवनों में बड़ी बड़ी दरारें आने से भवनों को खतरा पैदा हो गया है। समाज सेवी गोकुल सिंह नेगी ने बताया कि रात को लोग डर के मारे सो नहीं रहे हैं। अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है।
पोखरी विकासखंड, थराली विकासखंड, देवाल विकासखंड सहित कई अन्य जगहों पर भी भू स्खलन व भू धंसाव होने से मकान व गौशाला सहित खेतों को भी भारी क्षति पहुंचने की खबर है।