हरिद्वार। पितृ अमावस्या पर हरिद्वार हरकी पैड़ी में पहले स्नान के लिए लाखों को लोगों की भीड़ उमड़ी। इसके बाद लोगों ने नारायणी शिला पर जाकर तर्पण किया। हाईवे से लेकर शहर की गलियां तक जाम की चपेट में हैं। गंगा के सभी घाट लगभग श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हुए हैं ।नारायणी शिला के सीमित क्षेत्र में तर्पण के लिए लोगों को क्रम से अवसर दिया जा रहा है। र्वपितृ अमावस्या, जिसे पितृ अमावस्या या महालय अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन पितरों की तृप्ति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित होता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए श्राद्ध, तर्पण और दान से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है। उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह दिन पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा व्यक्त करने का अद्भुत अवसर होता है, जिससे जीवन के सभी क्षेत्रों में शुभता और सकारात्मकता का संचार होता है।
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