उत्तराखंडदेहरादून

कमजोर वर्ग की चिंता, चार मूल मंत्रों पर जोर

चिंतन शिविर के सत्रों में शिक्षा, आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा और पहुंच पर हुई बात

देहरादून। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के चिंतन शिविर में कमजोर वर्ग की चिंता है, तो मजबूती के लिए चार मंत्रों पर सबसे ज्यादा जोर है। ये चार मंत्र हैं-शिक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक सुरक्षा और योजनाओं व सुविधाओं की वंचित वर्ग तक सीधे पहुंच। यानी वंचित वर्ग की शिक्षा, उसके आर्थिक विकास, उसकी सामाजिक सुरक्षा के ठोस इंतजाम करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि सुविधाओं और तमाम योजनाओं की उस तक सीधी पहुंच हो जाए।
चिंतन दिन के पहले दिन के विभिन्न सत्रों का यही निचोड़ रहा है, जहां केंद्र सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं के आलोक में राज्यों की सहभागिता से वंचित वर्ग के सशक्तिकरण का संकल्प लिया गया है। चितंन शिविर के दूसरे दिन यानी आठ अप्रैल को समापन सत्र के अलावा दो अन्य सत्र भी आयोजित किए जाने हैं। इनमें से एक, सामाजिक सशक्तिकरण पर केंद्रित होगा, तो दूसरा सत्र तकनीकी होगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव ने राज्यों से जोर देकर कहा है कि अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चों की छात्रवृत्ति से जुडे़ प्रस्ताव भेजने में देरी न करें। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई के शुरूआती समय में ही छात्रवृत्ति मिल जाए, तो बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास फंड की कमी नहीं है। दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने दिव्यांगों के कल्याण के लिए गोवा और उड़ीसा में किए गए प्रयासों का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोवा में समाज के कई वर्गों को साथ लेकर अच्छा काम किया गया। वहीं, उड़ीसा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आशा वर्करों का बेहतर उपयोग करते हुए कार्य किया गया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने नशा मुक्ति अभियान के बारे में बात करते हुए उत्तराखंड की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह जगह और नौजवान का नाम नहीं बताएंगे, लेकिन उत्तराखंड में नशे की चपेट में आए इस नौजवान को जब ट्रीटमेंट दिया गया, तो उसकी स्थिति सुधर गई। इस नौजवान ने नशामुक्ति अभियान के साथ अपने को जोड़कर बुराई के खात्मे का संकल्प लिया है।
चिंतन शिविर के पहले दिन में दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विभाग से जुड़ी तमाम बातें हुईं। पूरे कार्यक्रम के दौरान एनआईवीएच के उन एक्सपर्ट की तरफ भी प्रतिभागियों का ध्यान गया, जिन्होंने मंच पर कही जाने वाली एक-एक बात को साइन लैंग्वेज में साझा किया। दो दिनी चिंतन शिविर में आयोजित विभिन्न सत्रों में चर्चा से क्या महत्वपूर्ण बातें उभरकर सामने आई हैं, इस पर आठ अप्रैल को बात होगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार समापन समारोह पर इस पर विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, उनका मीडिया से भी बातचीत का कार्यक्रम प्रस्तावित है।

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