CM धामी ने दिए संकेत सरकार में दायित्वों का बांटे जा सकते है
उत्तराखंड: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद धामी सरकार में दायित्वों का आवंटन हो सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ये संकेत दिए हैं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार भी प्रस्तावित है। उनके निधन से खाली हुई बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के बाद इसकी संभावना प्रबल है। मुख्यमंत्री ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है। मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं।
कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होना है। 13 मई को वहां चुनाव परिणाम भी घोषित हो जाएंगे। 15 मई तक भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी कर्नाटक चुनाव के प्रचार की व्यस्तता से मुक्त हो जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद मुख्यमंत्री केंद्रीय नेताओं से दायित्वों और मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में चर्चा कर सकते हैं।
इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों के हिसाब से सरकार और संगठन के स्तर पर होमवर्क शुरू हो जाएगा। माना जा रहा है कि 15 मई के बाद प्रदेश सरकार में दायित्व का आवंटन हो सकता है।मुख्यमंत्री ने भी इसके संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव के बाद दायित्व देने पर विचार हो सकता है। लेकिन कैबिनेट में विस्तार जल्द होने की कम संभावना है। सरकार पहले बागेश्वर विस उपचुनाव में जाएगी और उसके बाद कैबिनेट विस्तार करेगी। बागेश्वर उपचुनाव सीट रिक्त होने के छह माह के भीतर होगा। मुख्यमंत्री ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं।
धामी मंत्रिमंडल में अभी टिहरी, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, पौड़ी व चंपावत जिले का प्रतिनिधित्व है। हरिद्वार, नैनीताल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं हैं। सांगठनिक जिम्मेदारी के हिसाब से चमोली जिले से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट बड़े चेहरे के तौर पर हैं। नए मंत्रिमंडल विस्तार में हरिद्वार, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले को प्रतिनिधित्व दिए जाने की संभावनाएं हैं। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों की वरिष्ठता, अनुभव के साथ जातीय समीकरणों का भी खास ख्याल रखा जाना है।
सीएम धामी इस साल होने वाले निकायों के चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही चेहरों को चुनेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से थे। उनकी जगह पार्टी एससी चेहरे या एससी महिला चेहरे से भर सकती है। इसी तरह हरिद्वार जिले से ब्राह्मण या ओबीसी चेहरे को जगह देने पर विचार हो सकता है। नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले में दो पूर्व कैबिनेट मंत्री के रूप में अनुभवी चेहरे हैं। बहरहाल, कैबिनेट विस्तार के साथ ही मुख्यमंत्री दायित्व का भी आवंटन कर सकते हैं। दायित्वों की सूची भी केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फाइनल होनी है।
कर्नाटक चुनाव के बाद कैबिनेट विस्तार के संबंध में केंद्रीय नेताओं के साथ मंत्रणा होगी। अभी मुख्यमंत्री की केंद्रीय नेताओं से चर्चा हुई है। कर्नाटक चुनाव के नतीजे 15 मई तक आ जाएंगे। इसके बाद कैबिनेट विस्तार पर चर्चा होगी।