राहुल गांधी केे चीन की तारीफ वाले बयान पर बरसेे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा साथ ही न्यू लुक पर कसा तंज

नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से चुनावी रणनीति से लेकर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चीन की तारीफ करने वाले बयान पर ही प्रतिक्रिया नहीं दी अपितु नड्डा ने राहुल के न्यू लुक पर भी टिप्पणी की है |
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सुरुवात करते हुवे कहा नॉर्थ ईस्ट पहले हिंसाग्रत क्षेत्र माना जाता था | पीएम खुद 50 बार से ज्यादा नॉर्थ ईस्ट जा चुके हैं तथा नॉर्थ ईस्ट के चुनाव नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी मेहनत का परिणाम हैं |
जेपी नड्डा ने तीन राज्यों के चुनावी नतीजों पर कहा कि ये रिजल्ट दो दिन के नहीं है | ये पीएम की दूरदृष्टि की सोच, संकल्प और कड़ी मेहनत के बाद मिले हैं| नॉर्थ ईस्ट के आठ राज्यों में से सात में बीजेपी सरकार में शामिल हैं| जिसमें से पांच में हम रिपीट हो चुके हैं| ये बताता है कि जब मोदी पीएम बने, तब नॉर्थ ईस्ट के देखने को नजरिया क्या था? बंद, ब्लॉकेट, टारगेट किलिंग… ये वहां के बारे में लोगों की सोच थी| आज वहां सबको साथ लेकर चलना और डेवलपमेंट के रूप में पहचान बन गई है| ट्राइबल और ईसाई समुदाय का भी बीजेपी को समर्थन मिला है|
नड्डा ने राहुल गांधी पर तंज कसा और कहा कि उनको बीजेपी की कार्यशैली से बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है| ये अच्छी बात है| वो अपनी ऊर्जा अच्छे कामों में लगाएं, ये अच्छी बात है| मुझे उन पर कमेंट करने की जरूरत नहीं है| कोई जनेऊ लगाकर घूम रहा है तो कोई मंदिर में जाकर खबर बन रहा है, लेकिन जब मैं जाता हूं तो कोई न्यूज क्यों नहीं बनती है | क्योंकि हम ऑरिजनली इन चीजों से जुड़े रहे हैं| आपने तपस्या शुरू की है तो आपको बधाई देता हूं| ये तपस्या और साधना के माध्यम से सही स्थान पर ले जाए और आपको सद्बुद्धि आए, ये बहुत अच्छी बात है| हम तो चाहेंगे कि हेल्थी कंप्टीशन हो |
नड्डा ने कैंब्रिज में राहुल गांधी के नए लुक पर तंज कसते हुवे कहा मैं कहता हूं कि ब्रांडिंग करना, अपने लुक्स के माध्यम से पॉलिटिक्स करने का जमाना चला गया है | अब जो ऑरिजनल है, वो देखा जाता है | लोगों में मार्केटिंग शब्द है तो है, लेकिन सही बात तो यह है कि पॉलिटिक्स सेवा भाव से किया जा रहा है तो गरीबों का दिल तो मेहनत से ही जीता जाता है, ब्रांडिंग करके और लुक से नहीं जीता है |
नड्डा ने कैंब्रिज में राहुल गांधी के भाषण पर भी बयान देते हुवे कहा मैं कई बार बोलता हूं कि सद्बुद्धि आए | वो मोदीजी का विरोध करते-करते भारत का विरोध करने लगे हैं | उनको ये समझ में नहीं आ रहा है कि विरोध का स्तर क्या होना चाहिए |विरोध किन मुद्दों पर होना चाहिए | आपने सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न खड़े नहीं किए थे क्या, आपने एयर स्ट्राइक पर प्रश्न नहीं किए थे क्या, आज आप पुलवामा पर सवाल कर रहे हैं, वो भी विदेश की धरती पर जाकर | ये राष्ट्रीयता का प्रमाण है क्या, फिर उसी तरीके से आप कश्मीर के बारे में इम्प्रेशन देने की कोशिश कर रहे हो |
उन्होंने कह- सारी सिक्योरिटी फोर्स के माध्यम से आप जब भारत जोड़ो यात्रा में निकले हुए थे, तब आपने कितनी बड़ी संख्या में रैली करने की कोशिश की है| उस बर्फ में आपको सिक्योरिटी मिली| लेकिन आप वहां आतंक से ग्रसित स्टेट की इमेज देने की कोशिश कर रहे हैं| ऐसे बयान देने से आपको ये ध्यान में नहीं आता है कि आप देश का कितना नुकसान कर रहे हैं| देश विरोधी वक्तव्य दे रहे हैं| सिर्फ बीजेपी और पीएम मोदी का विरोध करने के लिए, ये ना कोई रंग है और ना कोई ढंग है, ना इस तरीके से पॉलिटिक्स चलती है |
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी नड्डा ने हमला बोला और अपना सवाल रखते हुवे बोला कि जोड़ो या छोड़ो, ये भारत को जोड़ कहां रहे हैं, जेएनयू विवाद, भारत तेरे टुकड़े होंगे और शर्मिंदा हैं जैसे बयान देने वाले लोग यात्रा के दौरान दाएं-बाएं घूमते रहे | नड्डा ने पूछा- सुप्रीम कोर्ट के जिस जज ने फांसी दी, वो कातिल हो गए? तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जिन्होंने अंतिम मुहर लगाई, वो कातिल हो गए? ऐसे नारों के साथ जेएनयू में जाकर राहुल गांधी ने खुद को जोड़ा | ये जब तक देश से माफी नहीं मांगेंगे, भारत जोड़ो यात्रा है ही नहीं, यात्रा में वही लोग दिखे, जो लोगो के खिलाफ बयान देते हैं और देश में कमजोर वातावरण बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं |