अपना दल एस के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी के द्वारा कार्यालय पर बाबा भीमराव अंबेडकर जी का परिनिर्वाण दिवस मनाया गया।
बिजनौर – ( नजीबाबाद ) इस अवसर पर जिला अध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी जी जी ने कहा कि भारतीय संविधान के जनक डॉ. बीआर अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस या पुण्यतिथि 6 दिसंबर को मनाई जाती है। वे एक भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिक व्यक्ति थे, जिन्होंने संविधान सभा में चर्चा के आधार पर भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री का पद भी संभाला और हिंदू धर्म त्यागने के बाद दलित बौद्ध आंदोलन के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में कार्य किया। परिनिर्वाण की स्थिति बौद्ध धर्म की मूलभूत अवधारणाओं में से एक है। यह उस व्यक्ति को दर्शाता है जिसने अपने जीवनकाल में और मृत्यु के बाद निर्वाण या स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है। मृत्यु के बाद निर्वाण प्राप्त करना या मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा की मुक्ति को संस्कृत में परिनिर्वाण कहा जाता है। “परिनिब्बान” शब्द का अर्थ है निर्वाण की उपलब्धि, जिसका प्रयोग पाली में किया जाता है।बौद्ध ग्रंथ महापरिनिवाण सुत्त के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध की मृत्यु को प्रारंभिक महापरिनिर्वाण माना जाता है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, जिन्हें अक्सर धर्म के विरोधी के रूप में देखा जाता था, ने बौद्ध धर्म का पालन किया। उन्होंने घोषणा की कि “मैं हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा” और बौद्ध धर्म अपनाने के दो महीने से भी कम समय बाद 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया। इसके अतिरिक्त, बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे एक सम्मानित बौद्ध नेता के रूप में जाने जाते हैं। इस प्रकार, ऐसा कहा जाता है कि 6 दिसंबर को समाज में बाबासाहेब अंबेडकर के अतुल्य योगदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।इस अवसर पर हिमांसु शर्मा , पवन चौधरी, वकील अहमद, जिलाउपाध्यक्ष अयूब अहमद , सूर्य प्रताप सिंह ,कपील सिंह और राजीव , डॉक्टर दवंद्र प्रदीप , वकील अहमद, दीपक जाटव , अमित गुर्जर, अनूप बाल्मीकि प्रदेश कार्य करणी scst मंच को प्रतिमा भेट की ,अमन सरदार रक्षपाल मुस्तकीम ,कपिल भाई ,इमरान ,नरेश नरेंद्र, आदि उपस्थित रहे।