उत्तराखंडदेहरादून

शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य नियमावली में संशोधन को भी मिली मंजूरी

  • धामी मंत्रीमंडल की बैठक में कई प्रस्तावों पर लगी मोहर
  • कुंभ मेले के लिए 82 पदों पर नियुक्ति को मंत्रीमंडल ने दी मंजूरी
  • 9 स्थायी, 44 अस्थायी और 29 आउटसोर्स पद शामिल
  • ई-स्टैंप व्यवस्था पर संशोधन के लिए मंत्रीमंडल ने लगाई मोहर
  • सीमा शुल्क के लिये स्टाम्प शुल्क में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सम्भव हो पायेगा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की  बैठक में कुल तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है। 2027 में होने जा रहे अर्धकुंभ मेले के लिए 82 पदों पर नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य की नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी मिली है। इसके साथ ही ई स्टैंप व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा कार्मिकों के स्थानांतरण और अन्य विभागीय मुद्दों पर भी कैबिनेट की। बैठक में चर्चा हुई। जिन प्रस्तावों पर मुहर लगी है, वो इस प्रकार हैं। साल 2027 में हरिद्वार में जनवरी से अप्रैल महीने तक अर्धकुंभ मेला आयोजित किया जाना है। उसकी तैयारी में सरकार अभी से ही जुट गई है। कुंभ मेला 2027 से संबंधित व्यवस्थाओं को मुकम्मल कराए जाने को लेकर मेला अधिष्ठान कार्यालय में कुल 82 पदों को सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इसमें 09 स्थायी, 44 अस्थायी और 29 आउटसोर्स पद शामिल हैं।
उत्तराखण्ड राज्य में स्टाम्प शुल्क भुगतान लिए तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता को अपनाने जाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत डिजिटल ई-स्टाम्पिंग व  पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग शुरू किये जाने के लिये अधिसूचना संख्या-24 अप्रैल, 2023 के जरिए उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) (संशोधन) नियमावली, 2023 प्रख्यापित की गयी। इसी क्रम में जनता को स्टाम्प क्रय की सुविधा बैंक परिसर में ही उपलब्ध कराये जाने के लिए भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-(ख) में वर्णित उत्तराखण्ड राज्य में लागू गैर पंजीकरण योग्य कुछ अनुच्छेदों को इस नियमावली में शामिल किया गया। ऐसे में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-ख में दिए गए प्रावधान, गैर पंजीकरण योग्य अनुच्छेद 26 कस्टम बांड को इस नियमावली में सम्मिलित किया जाना है, जिससे सीमा शुल्क के लिये स्टाम्प शुल्क में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान सम्भव हो पायेगा और उत्तराखण्ड राज्य में बांड निष्पादित करने वाले करदाता इस सुविधा का पूर्ण लाभ उठा सकेंगें। साथ ही इस प्रक्रिया के बाद जनहित में ईओडीबी प्रणाली को भी बल मिलेगा। उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 के, नियम 5 भर्ती का स्रोत, नियम 6 आयु और नियम 8 अनिवार्य शैक्षिक प्रशिक्षण योग्यता में संशोधन किया गया है। इस पर धामी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के तहत प्रदेश में संचालित स्कूलों में प्रधानाचार्य की काफी कमी है। वर्तमान समय में शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य के कुल 1385 पद स्वीकृत हैं। जिसके सापेक्ष मात्र 205 प्रधानाचार्य ही तैनात हैं। यानी प्रधानाचार्य के 1180 पद खाली चल रहे हैं। ऐसे में प्रधानाचार्य की भर्ती किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग ने उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली- 2022 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसपर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है।
प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती नियमावली में संशोधन किए जाने के बाद अब लोगों में उम्मीद जागी है कि जल्द ही प्रधानाचार्य प्रधानाचार्यों की भर्ती शुरू हो जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार, उत्तराखण्ड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली- 2022 के तीन नियमों में संशोधन किया गया है। नियमावली के नियम- 5 में भर्ती का स्रोत, नियम- 6 में आयु सीमा और नियम- 8 में अनिवार्य शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यता में संशोधन करने का प्रावधान किया गया है। जिस पर मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है।
प्रधानाध्यापक जिनके द्वारा भर्ती वर्ष के प्रथम दिवस को 2 साल की सेवा व मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता, जिन्होंने 10 साल की सेवा व प्रवक्ता पद पर पदोन्नत ऐसे सहायक अध्यापक (एलटी) जिन्होंने प्रवक्ता के पद पर 10 साल की पूरी कर ली गई है, इसके अलावा, प्रधानाचार्य के पद पर सीमित विभागीय परीक्षा में शामिल किये जाने के लिए निर्णय लिया गया है। जिसके तहत प्रवक्ता पद पर पदोन्नति प्राप्त ऐसे शिक्षकों जिनके ने प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापक (एलटी) के पद पर सम्मिलित रूप से 15 साल की सेवा पूर्ण कर ली गयी है। मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे सहायक अध्यापक (एलटी) जिन्होंने इस पद पर न्यूनतम 15 साल की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली गयी हो। इसके साथ ही निर्धारित शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यता अनिवार्य रूप से धारित करते हैं, वो सभी सीमित विभागीय परीक्षा के लिए पात्र होंगे। प्रधानाचार्य पद पर भर्ती के लिए पहली बार आयोजित होने वाली सीमित विभागीय परीक्षा में नॉन बीएड प्रवक्ता भी पात्र होंगे। सीमित विभागीय परीक्षा के लिए अभ्यर्थी की आयु, भर्ती विज्ञापन जारी होने वाले कैलेण्डर वर्ष की 1 जुलाई को 50 साल से बढ़ाकर 55 साल किया जा रहा है।

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