दून में बहुत भारी संख्या के साथ निकाली गई आक्रोश रैली, 374 से अधिक हिंदू संगठन बने रैली का हिस्सा
देहरादून/ बुधवार को महानगर देहरादून में जन आक्रोश महारैली का आयोजन समस्त हिंदू समाज द्वारा किया गया। जिसमें महानगर भाजपा समस्त कार्यकर्ता, बजरंग दल प्रमुख एवं समस्त कार्यकर्ता, गौरव सेनानी संगठन उत्तराखंड, टपकेश्वर महादेव मंदिर चैतन्य गोटी मठ, पृथ्वी नाथ मंदिर अखिल ब्राह्मण महासभा, अखिल गढ़वाल सभा, श्री गुरु सिंह सभा, समस्त वैश्य महासंघ, अधिवक्ता परिषद, समस्त व्यापार मंडल, केमिस्ट एसोसिएशन, पंजाबी महासभा, वीर सावरकर संगठन, गोरखाली सुधार सभा, वैदिक मिशन, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा सहित एवं समस्त हिन्दू समाज संगठन के कार्यकर्ता भारी संख्या में इस महारैली का हिस्सा बने।
रैली के दौरान व्यापार मंडल के आह्वान पर सभी दुकानदारों ने रैली के समर्थन में दुकानें बंद रखी और व्यापारी समाज ने बैनर लिए जन आक्रोश रैली में हिस्सेदारी दिखाई। रैली गांधी पार्क राजपुर रोड से शुरू होकर घंटाघर, पलटन बाजार, राजा रोड से होते हुए कचहरी परिसर में संपन्न हुई।
हिंदू संगठन की ओर से जन आक्रोश रैली के दौरान जिलाधिकारी महोदय, जनपद देहरादून उत्तराखंड के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को बांग्लादेश में हिंदू समाज एवं अन्य अल्पसंख्यकों की महिलाओं, बच्चों एवं उनके परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार एवं हिंसा की घटनाओं, उनकी संपत्ति एवं मंदिरों को पहुंचाए जा रहे नुकसान को अभिलंब रोकने एवं दोषी और दोषियों को संरक्षण प्रदान करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही किए जाने, तथा बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने जाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा गया कि बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता और सत्ता परिवर्तन के बाद वहां रह रहे हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। हिंदुओं के मंदिरों एवं उनकी संपत्तियों को तोड़ा, लूटा और जलाया जा रहा है। हिंदू बहन बेटियों के साथ दुव्यवहार एवं दुष्कर्म के घृणित कृत्य किए जा रहे हैं। यह अत्यंत चिंताजनक घटनाएं समस्त भारत के हिंदू समुदाय को व्यथित और दुखी कर रही है। इन घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक प्रतीत होता है कि भारत और हिंदू समाज को इस्लामी कट्टरपंत के वैश्विक एजेंडे के प्रति सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। अपनी मांग रखते हुए कहां कि इस गंभीर समस्या का यथाशीघ्र समाधान निकाला जाए और बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा की जाए।
ज्ञापन में कहा गया कि राजनीतिक और धार्मिक कर्म से प्रेषित यह कृत्य प्रत्यक्ष तौर पर बांग्लादेश सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार, उत्पीड़न, मारपीट की इन घटनाओं से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई दिनों से हो रहे अत्याचार की घटनाओं के बाद भी बांग्लादेश सरकार पंगु बनी हुई है
राष्ट्रपति महोदया को अंत में ज्ञापन में कहा कि दुख की इस घड़ी में संपूर्ण देश न केवल बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़ा है बल्कि आक्रोर्षित भी है। महोदया जी से पुरजोर मांगे है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां के पीड़ित नागरिक निर्भय होकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।