
देहरादून/ संतान सुख की प्राप्ति एवं संतान की लंबी आयु के लिए किया जाने वाला व्रत अहोई अष्टमी इस वर्ष 5 नवंबर को है। माताएं इस व्रत को हर साल नियमपू्र्वक रखती हैं लेकिन इस साल अहोई अष्टमी के दिन वार और नक्षत्र का बड़ा ही उत्तम संयोग बना है। इससे यह व्रत और मंगलकारी हो गया है।
5 नवंबर को रविवार है और इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है उस दिन रविपुष्य नामक शुभ योग बनता है। इस योग को कई अशुभ योगों का नाश करने वाला माना गया है। रवि पुष्य योग के साथ ही अहोई अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्घि योग भी बना हुआ है। इसलिए अहोई अष्टमी के दिन कोई भी नया काम शुरू करना शुभ फलदायी होगा।
रविपुष्य योग को गुरू पुष्य योग के समान ही शुभफलदायी माना जाता है। इसलिए इस योग में लंबे समय के लिए धन का निवेश करना भी फायदेमंद होता है। धनतेरस के मौके पर भीड़ से बचने के लिए इस दिन सोना एवं वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। अगर धनतेरस के दिन ही खरीदारी करनी है तो इस दिन बुकिंग करवा सकते हैं। भूमि एवं घर खरीदने के लिए भी अहोई अष्टमी का दिन बहुत ही शुभ है। जो लोग गृह प्रवेश करने के लिए अत्तम दिन की तलाश कर रहे हैं उनके लिए भी यह अच्छा दिन है।