उत्तराखंड

सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता के लिये एक क्रान्तिः मुख्य सूचना आयुक्त

हरिद्वार। अनिल चन्द्र पुनेठा, मुख्य सूचना आयुक्त ने शनिवार को एन०आई०एच० रूड़की में राजकीय कार्यालयों के लोक सूचना अधिकारियो एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा बैठक की। मुख्य सूचना आयुक्त ने समीक्षा बैठक में सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के उद्देश्य-पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम पारदर्शिता के लिये एक क्रान्ति है। पहले राजकीय विभागों आदि से आप कोई भी सूचना प्राप्त नहीं कर सकते थे, लेकिन आज सूचना अधिकार अधिनियम के तहत नागरिकों द्वारा मांगी गयी, चाही गयी सूचना को उपलब्ध कराना होगा तथा एक नागरिक के तौर पर लोक प्राधिकरण से प्रत्येक नागरिक को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।

अनिल चन्द्र पुनेठा मुख्य सूचना आयुक्त ने स्पष्ट करते हुये बताया कि लोक प्राधिकरण के अन्तर्गत सभी केन्द्रीयध्राज्य सरकार के विभाग, संविधान द्वारा निर्मित सभी संस्थायें, केन्द्रध्राज्य सरकारों के अधिसूचना से निर्मित संस्थायें तथा संसदध्विधान परिषदों की अधिसूचना से सृजित सभी संस्थायें आती हैं। इसके अन्तर्गत केन्द्र राज्य सरकारों द्वारा पर्याप्त रूप से प्रत्यक्षध्अप्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठन भी आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक लोक प्राधिकरणों से रिकार्ड, अभिलेख, ई-मेल, लॉगबुक, संविदायें, कागजात प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा प्रत्येक नागरिक इस अधिनियम के तहत कार्यों, अभिलेखों और रिकार्डों का निरीक्षण भी कर सकता है।

मुख्य सूचना आयुक्त ने समीक्षा बैठक के दौरान एक-एक करके-संयुक्त मजिस्ट्रेट कार्यालय रूड़की, स्वास्थ्य विभाग, जल संस्थान, सिंचाई, पेयजल, शिक्षा, नलकूप, अधिशासी अधिकारी कार्यालय ईमलीखेड़ा, झबरेड़ा, नगर निगम रूड़की, ब्लाक खानपुर, भगवानपुर, एआरटीओ रूड़की, सीओ रूड़की, मंगलौर, चकबन्दी, विद्युत, राज्य कर, मण्डी आदि विभागों के लोक सूचना अधिकारियोंध्प्रथम अपीलीय अधिकारियों से सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत उनके वहां प्राप्त आवेदनों एवं अपीलों के निस्तारण के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली तथा अधिकारियों द्वारा आवेदनोंध्अपीलों के निस्तारण के सम्बन्ध में दी गयी जानकारी पर सन्तोष व्यक्त किया।

समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने कई ऐसे प्रकरण मा0 मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना अधिकार अधिनियम की मास्टर ट्रेनर के समक्ष रखे, जिनमें उनके विभागों को निर्णय लेने में शंकाओं का सामना करना पड़ रहा था। इस पर मुख्य सूचना आयुक्त एवं मास्टर ट्रेनर ने मौके पर ही सूचना के अधिकार अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दी गयी व्यवस्था के अनुसार उनकी शंकाओं का समाधान किया।

समीक्षा बैठक में मुख्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि सूचना अधिकार के तहत जो भी आवेदन आपके पास आते हैं, उनमें आवेदक से मोबाइल नम्बर, ह्वाट्स अप नम्बर तथा ई-मेल का उल्लेख करने का अनुरोध जरूर करें ताकि सूचना चाहने वाले को निर्बाध रूप से सूचना मिल सके। उन्होंने कहा कि आवेदक द्वारा जो भी सूचना चाही गयी है, सकारात्मक सोच रखते हुये, पूरी कोशिश करें कि उसे वह सूचना जल्दी से जल्दी मिल जाये। इसके लिये निर्धारित समय सीमा 30 दिन का इंतजार न करें। संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह ने समीक्षा बैठक में कहा कि मा0 सूचना आयुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कई प्रकरणों में निर्णय लेने में जो शंका हो रही थी, उसका निदान अत्यन्त ही सरल तरीके से कर दिया तथा इसके अतिरिक्त उनसे सूचना का अधिकार अधिनियम के सम्बन्ध में कई नई-नई जानकारियां भी प्राप्त हुईं। समीक्षा बैठक में सूचना अधिकार अधिनियम की मास्टर ट्रेनर जिला इम्प्लाईमेंट अधिकारी अनुभा जैन ने सूचना अधिकार अनिनियम में दी गयी विभिन्न धाराओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।

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