28 से 30 मार्च तक आयोजित सम्मेलन में विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन होगा
प्रदेश में रामनगर(नैनीताल) में पहली बार आयोजित जी-20 सम्मेलन में विज्ञान व प्रौद्योगिकी से संबंधित वैश्विक नीतिगत मुद्दों पर मंथन होगा। यह मुख्य विज्ञान सलाहकारों का सीएसएआर (चीफ साइंस एडवाइजर्स राउंडटेबल) है।
28 से 30 मार्च तक आयोजित सम्मेलन में विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर मंथन होगा। इसकी झलक दिल्ली में आयोजित जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के 18वें शिखर सम्मेलन में नजर आएगी।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि विज्ञान सलाहकारों की यह बैठक साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक सलाह प्रदान कर नीतिगत विकल्पों को आगे बढ़ाएगी।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रो. सूद ने कहा कि वैज्ञानिक सलाह से संबंधित तंत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह हमें विभिन्न क्षेत्रों के बीच तालमेल बनाने में मदद करेगी। भारत की अध्यक्षता में समावेशी वैश्विक वैज्ञानिक सलाह के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए यह बैठक रखी गई है। इस दौरान मौजूद वैज्ञानिक सचिव डा. परविंदर मैनी ने कहा कि बैठक में रोग नियंत्रण एवं महामारी से निपटने की बेहतर तैयारी पर चर्चा होगी।
इसका उद्देश्य जी-20 के सदस्य देशों के मुख्य विज्ञान सलाहकारों और उनके समकक्षों के साथ-साथ आमंत्रित देशों को एक साथ लाना है, जिससे कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित महत्वपूर्ण वैश्विक नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा सके। इसके अतिरिक्त विद्वत्तापूर्ण वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रयासों के बीच समन्वय, विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विविधता, समानता, समावेशी, सतत एवं कार्रवाई-उन्मुख वैश्विक नीति के बारे में संवाद के लिए एक संस्थागत तंत्र विषय पर विमर्श होगा।
जी-20 सचिवालय में संयुक्त सचिव नागराज नायडू काकनूर ने कहा कि शेरपा ट्रैक के तहत सभी 13 कार्यक्रमों में विज्ञान व्यापक विषय है। सीएसएआर पहली बार आयोजित होने वाली एक अनूठी पहल है। इसके निष्कर्षों को संबंधित देशों के नेताओं के साथ साझा किया जाएगा।