सिंधिया स्कूल के 128 वें स्थापना दिवस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने लिया हिस्सा

- इस दो दिवसीय आयोजन में उत्कृष्टता और दूरदर्शिता की स्कूल की विरासत को सम्मानित किया गया
मुंबई। भारत के सबसे प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूलों में से एक, सिंधिया स्कूल को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करते हुए 128 गौरवशाली साल पूरे हो चुके हैं। इस उपलक्ष्य में 13 अक्टूबर को सिंधिया स्कूल के वार्षिक स्थापना दिवस का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। यह स्कूल के लिए ऐतिहासिक और अपार गौरव का क्षण था। ग्वालियर किले में स्थित स्कूल परिसर में आयोजित इस दो दिवसीय समारोह में विद्यार्थियों, फैकल्टी, अभिभावकों, पूर्व छात्रों और गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया तथा स्कूल की स्थायी विरासत एवं राष्ट्र निर्माण और व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करने की स्कूल की प्रतिबद्धता की सराहना की।
सिंधिया स्कूल का गठन सन 1897 में महामहिम महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम द्वारा किया गया था। तब से ही सिंधिया स्कूल लगातार स्वतंत्र विचारकों, सहानुभूतिपूर्ण नेतृत्वकर्ताओं और जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण कर रहा है। स्थापना दिवस के अवसर पर न केवल स्कूल के इस सफर का जश्न मनाया जाता है, अपितु एक सदी से स्कूल की पहचान बन चुके मूल्यों द्वारा निर्मित भविष्य की आशा भी की जाती है।
दिन की शुरुआत स्कूल के ब्रास बैंड द्वारा मुख्य अतिथि के औपचारिक स्वागत के साथ हुई। इसके बाद विभागीय प्रदर्शनियों, ऑर्केस्ट्रा परफॉर्मेंस और प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, खेल, इनोवेशन, नेतृत्व और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। हर साल स्कूल के एक पूर्व छात्र को सम्मानित करने के लिए माधव अवार्ड दिया जाता है, जो विदेश सचिव, विक्रम मिस्री (पूर्व शिवाजी, 1981) को दिया गया। लंबे समय से स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे स्टाफ के सदस्यों को उनकी समर्पित सेवा के लिए पुरस्कृत किया गया। समारोह का समापन नृत्य कार्यक्रम के साथ हुआ।
इस अवसर पर जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा, ‘‘मैं सिंधिया स्कूल के इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। हर यूनिफॉर्म, चाहे वह सेना की हो या विद्यार्थियों की, सेवा करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि आप जीवन में एक लक्ष्य बनाएं और देश की सेवा करें। हम मिलकर एक ज्यादा मजबूत और सुरक्षित भारत का निर्माण कर सकते हैं।
सिंधिया स्कूल के प्रिंसिपल, अजय सिंह ने कहा, ‘‘हमारा सौभाग्य है कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर जनरल चौहान, हमारे प्रतिष्ठित बोर्ड के सदस्यों, अभिभावकों और हमारे पूर्वछात्रों का स्वागत करने का हमें अवसर मिला। हमारे विद्यार्थी न केवल शिक्षा और खेल में स्कूल का नाम रोशन करते हैं, बल्कि दृढ़ता, अखंडता और सेवा के मानक भी पेश करते हैं। हमें गर्व है कि उन्हें श्रेष्ठ मूल्य प्रदान करके भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं का विकास करने का सौभाग्य हमें मिला है।’’
समारोह में सिंधिया ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन (एसओबीए) के सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने बड़ी संख्या में विद्यालय में आकर अपने पुराने मित्रों से मिलने के लिए इस समारोह में हिस्सा लिया।
समारोह को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, संचार मंत्री एवं प्रेसिडेंट, बोर्ड ऑफ गवर्नस, सिंधिया स्कूल ने कहा, ‘‘स्थापना दिवस केवल एक स्मरणोत्सव नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान का उत्सव है। मैं जनरल अनिल चौहान को यहाँ आमंत्रित करके गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। यह स्कूल सदैव से साहस का प्रतीक रहा है। यह डर का नहीं, बल्कि सत्य के लिए खड़ा होने की इच्छाशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सिंधिया स्कूल का हिस्सा होने के नाते हमें खुद से पूछना चाहिए कि हमारा कर्तव्य क्या है। हमें आत्मसंतुष्टि की बजाय एक उद्देश्य को चुनना है। विभाजन की बजाय एकजुटता को चुनना है और सुविधाओं की बजाय चरित्र को चुनना है। महानता विरासत में नहीं मिलती है, बल्कि यह हर दिन हमारे कार्यों, हमारे निर्णयों और हमारे मूल्यों द्वारा हासिल होती है।