
देहरादून : ओलंपस हाई स्कूल में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर एक शैक्षिक सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के डॉ. राघव उपाध्याय द्वारा संचालित किया गया। कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. ज्योति गुप्ता की गरिमामयी उपस्थिति रही।
सत्र की शुरुआत एक रोचक प्रश्नोत्तरी से हुई, जिसमें सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों को कैंडी और स्टिकर्स देकर प्रोत्साहित किया गया। इसके पश्चात् डॉ. उपाध्याय ने विद्यार्थियों को एआई की मूलभूत जानकारी प्रदान की और चित्र-विश्लेषण गतिविधि के माध्यम से एआई द्वारा निर्मित परिणामों की तुलना वास्तविक चित्रों से कराई। साथ ही, विद्यार्थियों को आइडेंटिफिकेशन मॉडल्स और मेडिकल इमेज डिटेक्शन में एआई के उपयोग के बारे में भी बताया गया।
व्यावहारिक गतिविधियों के अतिरिक्त, सत्र में एआई की सीमाओं पर भी चर्चा की गई, विशेषकर भावनाओं और अभिव्यक्तियों को समझने की इसकी अक्षमता पर। विद्यार्थियों को एआई के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से भी अवगत कराया गया, जिसमें एलन ट्यूरिंग के विचारों और वर्ष 1956 में जॉन मैकार्थी द्वारा “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” शब्द गढ़ने का उल्लेख किया गया।
कार्यक्रम का समापन एक क्विज़ सत्र और प्रिंसिपल डॉ. ज्योति गुप्ता के प्रेरणादायी संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि एआई एक शक्तिशाली और परिवर्तनकारी साधन है, किंतु इसे सदैव मानवीय मूल्यों, विवेक और संवेदनशीलता के साथ उपयोग में लाना आवश्यक है।
यह सत्र विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के व्यापक महत्व और भविष्य की संभावनाओं को और गहराई से समझने के लिए प्रेरित कर गया।