उत्तराखंडदेहरादून

मानसून सीजन को लेकर सभी तैयारियां चाक-चौबंद: महाराज

मानसून में बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थलों का चिन्हीकरण

देहरादून। मानसून अवधि 15 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक प्रत्येक जनपद के नोडल खण्ड में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। सम्बन्धित खण्ड के अधिशासी अभियन्ता, बाढ़ नियन्त्रण प्रभारी हैं। उक्त जानकारी प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को सुभाष रोड़ स्थित अपने कैम्प कार्यालय पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद कही। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन को लेकर सिंचाई विभाग ने सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली हैं। सिंचाई खण्ड, देहरादून के परिसर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष सं0-9411554658 है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24×7 क्रियाशील है। अधीक्षण अभियंता, सिंचाई कार्य मण्डल, देहरादून को राज्य स्तरीय विभागीय नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जिनका दूरभाष सं0-9837173920 है।
सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने बताया कि बाढ़ सम्बन्धित सूचनाओं के आदान प्रदान हेतु विभागीय बाढ़ नियंत्रण प्रभारी द्वारा एक Whats’app Group बनाया गया है, जिसमें राज्य/जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य हैं तथा सभी अधिकारी मोबाईल पर 24×7 हमेशा उपलब्ध हैं। सभी अधिशासी अभियंता मानसून के दौरान प्रतिदिन केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण केन्द्र को वर्षा, नदियों में जल स्तर से सम्बन्धित सूचना उपलब्ध करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 113 बाढ़ चौकियां प्रशासन के सहायोग से स्थापित कर ली गयी है। मानसून में बाढ़ तथा जल भराव की दृष्टि से 304 संवेदनशील स्थलों का चिन्हीकरण भी कर लिया गया है। मानसून से पूर्व सिंचाई विभाग के नियंत्रणाधीन संवेदनशील ड्रेन्स की सफाई सुनिश्चित की गई है। राज्य की मुख्य नदियों के जलस्तर की सिंचाई विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा निरन्तर मॉनिटरिंग की जा रही है। सिंचाई विभाग के नियंत्रणाधीन जलाशयों व बंधो पर लगातार निगरानी की जा रही है एवं उचित स्थलों पर बोल्डर, आर०बी०एम० एवं रेत की व्यवस्था आपात स्थिति हेतु सुनिश्चित की गयी है। किसी भी संभावित घटना के दौरान बैराजों, जलाशयों के डाउनस्ट्रीम में स्थित लोगों को सूचित करने के लिए सभी बैराजों, जलाशयों पर सायरन स्थापित किए गए हैं। बैठक में सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष कुमार पाण्डेय सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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