राष्ट्रीयस्वास्थ्य

विशेषज्ञों की मुहर: बादाम से सुधरता है दिल और मेटाबॉलिज़्म का स्वास्थ्य, वजन कम करने में भी मददगार

हर दिन 50 ग्राम बादाम से सुधरती है दिल और पाचन की सेहत, वजन घटाने में भी मिलती है मदद – नये शोध में दावा
नई दिल्ली। एक नए प्रकाशन[1] में, दुनिया के बड़े स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञों ने बताया है कि रोज़ाना बादाम खाने से दिल और शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) सेहत अच्छी रहती है। 11 वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने बादाम और कार्डियोमेटाबॉलिक स्वास्थ्य पर अब तक हुई रिसर्च का विश्लेषण किया और इस बात पर सहमति जताई कि बादाम का नियमित सेवन कई प्रमुख स्वास्थ्य क्षेत्रों में लाभ पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों ने पाया कि रोज़ाना बादाम खाना एक प्रभावी और प्रमाणित खानपान रणनीति है, जो हृदय स्वास्थ्य, वजन नियंत्रण और पाचन तंत्र (गट माइक्रोबायोम) को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। इस सहमति पत्र में यह भी बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 50 ग्राम (1.8 औंस या लगभग दो मुट्ठी) बादाम का सेवन करता है, तो कुछ मामलों में मामूली रूप से वजन घटाने में भी सहायता मिल सकती है।
 करंट डेवलपमेंट्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित सहमति पत्र, आमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा वित्‍त पोषित एक वैज्ञानिक गोलमेज सम्मेलन के बाद तैयार किया गया है।
पूरी दुनिया में कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियाँ (दिल और मेटाबॉलिज्‍म से जुड़ी समस्याएँ) बढ़ रही हैं, इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि बादाम इंसान की सेहत को कैसे बेहतर कर सकते हैं। डॉ. एडम ड्रेवनोव्स्की, जो इस शोध के सह-लेखक हैं और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और दुनिया के जानेमाने न्‍यूट्रीशन एक्‍सपर्ट हैं, ने कहा, बादाम पोषक तत्वों का खजाना हैं और ये दुनिया में सबसे ज़्यादा शोध किए गए खाद्य पदार्थों में से एक हैं। दुनिया भर के शोधकर्ताओं ने बादाम और कार्डियोमेटाबॉलिक स्वास्थ्य पर चर्चा की और उन्‍होंने अपनी-अपनी जानकारियां एवं नजरिये प्रस्‍तुत किये। वे इस नतीजे पर पहुँचे कि बादाम कार्डियोमेटाबॉलिक सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने, डायस्‍टोलिक ब्लड प्रेशर को थोड़ा घटाने, वजन को नियंत्रित करने और गट हेल्‍थ (पेट के स्‍वास्‍थ्‍य) को बेहतर करने में मदद करते हैं।’
एशिया में रहने वाले भारतीयों के लिए शोध में पता चला कि रोज़ाना बादाम खाने से दिल की सेहत, मेटाबॉलिज्‍म और वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। डॉ. अनूप मिश्रा, जो फोर्टिस सेंटर फॉर डायबिटीज़, ओबेसिटी और कोलेस्ट्रॉल (सी-डोओसी) के चेयरमैन हैं, ने कहा, एशिया में रहने वाले भारतीयों में कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियाँ बढ़ रही हैं, ऐसे में बादाम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खराब कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और फ‍ास्टिंग ब्‍लड ग्‍लूकोज को कम करने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, यह सलाह, संतुलित डाइट के साथ, खासतौर पर उन युवा भारतीयों के लिए ज़रूरी है जो बैठे-बैठे काम करते हैं। हाल के दो अध्ययनों से पता चला कि बादाम खाने से प्री-डायबिटीज़ और मोटापे वाले भारतीयों में ब्लड शुगर कंट्रोल करने में फायदा हुआ। नियमित रूप से बादाम खाने से लगभग एक चौथाई (23.3 प्रतिशत) लोगों में प्री-डायबिटीज़ या ग्लूकोज़ को लेकर टॉलरेंस खत्म होकर ब्लड शुगर का लेवल सामान्य हो गया।
 डॉ. सीमा गुलाटी, न्‍यूट्रीशन रिसर्च ग्रुप, नेशनल डायबिटीज, ओबेसिटी एवं कोलेस्‍ट्रॉल फाउंडेशन की हेड, ने कहा, ‘भारत में कार्डियोमेटाबॉलिक स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं के बीच, यह वैज्ञानिक अध्ययन सही समय पर आया है। इस अध्ययन से पता चला है कि बादाम खाने से एशियाई भारतीयों में खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल), फास्टिंग ब्लड शुगर और एचबीए1सी का स्तर कम हो सकता है। यह उस गलत धारणा को भी तोड़ता है कि बादाम खाने से वजन बढ़ता है। इसके बजाय, यह बताता है कि रोज़ाना 50 ग्राम (लगभग 1.8 औंस) बादाम खाने से वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है।
इसमें रोज़ाना बादाम खाने के फायदे बताए गए :
– बादाम दिल की सेहत के लिए बढि़या होते हैं :
  रोज़ाना बादाम खाने से एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल (5.1एमजी या लगभग 5 प्रतिशत की औसत कमी) कम हो सकता है।
 यह डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को भी थोड़ा कम कर सकता है। (0.17-1.3 एमएम एचजी की कमी) जब इसे दिल की सेहत के लिए अच्‍छे दूसरे खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाए तो यह और भी अधिक लाभ प्रदान कर सकता है।
–  बादाम खाने से वजन नहीं बढ़ता है। कुछ अध्ययन प्रतिभागियों में, अधिक मात्रा में बादाम (प्रतिदिन कम से कम 50 ग्राम या 1.8 ओंस प्रति दिन) खाने से थोड़ी मात्रा में वजन कम हो सकता है।
– यह पेट में अच्छे बैक्टीरिया (गट बैक्‍टीरिया) को बढ़ा सकता है, जो मेटाबॉलिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालाँकि, इस क्षेत्र में और अधिक शोध की आवश्यकता है।
– प्रीडायबिटीज वाले एशियाई भारतीयों में, यह खाली पेट ब्लड शुगर और एचबीए1सी को कम कर सकता है।

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