5100 देशी घी के दीप जलाकर मनाई गई देव दीपावली
ऐसा मान्ये है कि इस दिन दीपदान करने से पित्रो की देह को प्राप्त होती है प्रकाश ज्योती
देहरादून/ मंदिर महादेव महाकालेश्वर तुलतुलिया राजपुर देहरादून मे ऋषिपर्णा ( रिस्पना नदी के तट ) पर शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 5100 देशी घी के दीपक जलाकर 9वा देव दीपावली पर्व मनाया गया |
मंदिर प्रांगण में सूर्यास्त के साथ ही उत्तरवाहिनी ऋषिपर्णा नदी के तट पर हजारों दीपों, रंगोली, मनमोहक कलाकृतियों और अनेकों प्रकार की अतिस्बाजियो ने अद्भुत और अलौकिक छटा बिखेरी।
साथ ही झाकियों के रूप में गणेश वंदना, राजस्थानी कल्चर, श्रीकृष्ण सुदामा मिलन, एवं शिव विवाह जैसे मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उत्तराखंड का एकमात्र मंदिर जहां ऋषिपर्णा नदी के उद्गम स्थल पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली उत्सव मनाया जाता है। सायंकाल जब यहां हजारों दीप एक साथ प्रज्वलित होते है तो इसका दृश्य अदभुत, अलौकिक एवं देवलोक सा प्रतीत होता है।
मान्यता है कि आज के दिन नदी के तट पर शिव मंदिर मे दीपदान करने से दीपावली के दिन की गयी लक्ष्मी पूजा का फल, आज दीपदान करने से प्राप्त होता है |
मौके पर उपस्थित मंदिर के संस्थापक परिवार से अजय गोयल ने बताया कि जिस प्रकार से सभी लोगों का सहयोग मिल रहा है और मंदिर के प्रति लोगों की आस्था बढ़ रही है, जल्द ही उज्जैन में स्थित महादेव महाकालेश्वर मंदिर जैसा ही स्वरूप यहां भी लोगों को प्राप्त होगा।
मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जितेंद्र जोशी ने बताया कि किस प्रकार मंदिर संस्थापक अजय गोयल शुरू से ही धार्मिक विचारों के थे। उन्होंने बताया कि झाझरा स्थित एक हनुमान मंदिर में अजय गोयल ने अपनी लगन मेहनत और ग्राम समाज के साथ मिलकर उस मंदिर का जीवनुद्धार करवाया जिसे आज “बालाजी धाम” झाझरा के नाम से जाना जाता है और अब सालों से मेहनत करते हुए राजपुर तुलतुलिया स्थित इस महादेव महाकालेश्वर मंदिर का भी जीवाणुद्धार किया और आज यहां लोग हजारों की संख्या में दर्शन करने के लिए आते है।
आयोजन मे छेत्रिय पार्षद ऊर्मिला थापा, मंदिर के संस्थापक परिवार से अजय गोयल ( सचिव बालाजी मंदिर झाज़रा ) व शक्ति सागर कौशिक, ताराचन्द , पंडित अशोक कृष्ण शास्त्री आदि मौजूद रहे।