राष्ट्रीय

स्कोडा ऑटो इंडिया ने अपने सभी उपभोक्ताओं के लिए बाढ़ राहत सहायता लागू की

    • रोडसाइड असिस्टें स का विकल्प न चुनने वाले उपभोक्ताओं को भी इससे लाभ होगा
    •  आरएसए का विकल्प न चुनने वाले उपभोक्ताओं पर भी ये योजना लागू होगी
    • 15 सितंबर 2024 तक कॉम्लीपर भमेंटरी आरएसए सपोर्ट उपलब्ध है
    •  कॉम्लीका मेंटरी आरएसए के लिए ग्राहक 1800 209 4646 या 1800 102 6464 पर कॉल कर सकते हैं

    मुंबई: भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण बाढ़ और भारी बारिश की स्थिति के मद्देनजर, स्कोअडा ऑटो इंडिया ने एक सक्रिय स्कोनडा बाढ़ राहत सहायता (फ्लड रिलीफ सपोर्ट) कार्यक्रम लागू किया है। यह सहायता पूरे देश में बाढ़ से प्रभावित सभी स्को‍डा कार मालिकों के साथ उन उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी जिन्होंने कार की खरीदारी के समय रोडसाइड असिस्टेंोस (आरएसए) का विकल्प नहीं चुना है।
    सहायता : स्कोडा एक बाढ़ राहत सहायता कार्यक्रम है जो भारत में कहीं भी बाढ़ प्रभावित सभी स्कोडा कारों और ग्राहकों को सक्रिय आरएसए सहायता प्रदान करता है। आरएसए का विकल्प न चुनने वाले ग्राहकों को भी 15 सितंबर, 2024 तक यह सेवा प्रदान की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वह बरसात में भी तेजी और सुविधाजनक तरीके से अपनी मंजिल तक पहुंच सके और बारिश के मौसम में सड़क पर गाड़ी खराब होने की स्थिति में न फंसे। कंपनी ने दो टोल-फ्री नंबर – 1800 209 4646 या 1800 102 6464 जारी किए हैं। इन टोल फ्री नंबरों को जारी कर कंपनी ने यह सुनिश्चित किया है कि ग्राहक 24 घंटे के भीतर कंपनी तक पहुंच सकें और उनके पास मुसीबत में मदद पाने के लिए एक से ज्यादा विकल्प हों। स्कोडा ऑटो इंडिया ने अपने सभी डीलरों को वाहन के फ्लोर की मरम्मत के लिए एक्सपर्ट गाइडलाइंस जारी की है।

    सर्विस : स्कोडा ऑटो इंडिया ने हमेशा अपनी सभी नई कारों के लिए मानक के रूप में चार साल/100,000 किमी की वॉरंटी की पेशकश की है। इसे वॉरंटी को पांचवें और छठे वर्ष के लिए 150,000 किमी तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, कंपनी के बेड़े में पूरी तरह से 5-स्टार रेटेड, सुरक्षा-परीक्षण वाली कारें शामिल हैं, जो बड़ों के साथ ही बच्चों को भी पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराती है। नया बाढ़ राहत सहायता कार्यक्रम कंपनी की ओर से अपने उपभोक्ताओं को बिना किसी परेशानी के गाड़ी की ओनरशिप बनाए रखने और उसके रखरखाव का आसान अनुभव प्रदान करने की एक और कोशिश है।

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