उत्तरकाशी । गोमुख ट्रेक मार्ग पर गंगोत्री से 9 किमी आगे चीड़वासा के पास बड़ा हादसा हुआ है। जहां हिमखंड पिघलने के कारण चीड़वासा नाले में पानी बढ़ गया। पानी बढ़ने से अस्थायी लकड़ी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। इसके साथ ही दो कांवड़ यात्रियों के बहने की सूचना भी है। मौके पर खोजबीन और पुलिया के मरम्मत के लिए पुलिस, वन विभाग व एसडीआरएफ की टीम मौजूद है। वहीं, एसडीआरएफ की टीम कांवड़ियों की खोजबीन कर रही है। दोनों कांवड़िए दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
उत्तरकाशी आपदा कांट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे गंगोत्री-गोमुख ट्रेक मार्ग पर गंगोत्री से 9 किमी आगे चीड़वासा के पास हिमखंड पिघलने से चीड़वासा नाले में अचानक पानी बढ़ गया। जिससे नाले पर बनी अस्थायी लकड़ी की पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। बताया जा रहा है जिस वक्त पुलिया क्षतिग्रस्त हुई, उस वक्त कांवड़िए गुजर रहे थे। जिसमें दो कांवड़िए भी नाले में बह गए।
वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है। इसके अलावा पुलिस और एसडीआरएफ की टीम कांवड़ियों की खोजबीन कर रही है। साथ ही पुलिया की मरम्मत की जा रही है। बताया जा रहा है कि अभी गोमुख की तरफ भोजवासा के पास 35 यात्री जीएमवीएन के विश्राम गृह और आश्रम में सुरक्षित रुके हुए हैं।
बताया जा रहा है कि नाले में बहे दोनों कांवड़ियों के नाम सूरज और मोनू है। जो दिल्ली के निवासी बताए जा रहे हैं। ये लोग गंगा जल लेने गोमुख जा रहे थे। तभी हादसे का शिकार हो गए। बता दें कि भगवान शिव का जलाभिषेक और सावन महीने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से कांवड़िए गंगाजल लेने गोमुख की तरफ आते हैं। आजकल पर्यटक भी गोमुख ट्रेक पर घूमने जा रहे हैं।
वहीं, उत्तरकाशी जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक से इस घटना के बारे में जानकारी ली। साथ ही नाले में बहे लोगों की खोजबीन के लिए सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाने को कहा है। इसके अलावा गोमुख क्षेत्र में रुके यात्रियों की सुरक्षित निकासी और नाले पर तत्काल वैकल्पिक पुलिया बनाने के निर्देश दिए हैं।