• अनपढ़ होने का फायदा उठा सेल लेटर पर हस्ताक्षर करके भगा दिया गया पीड़ित को
• पीड़ित से जबरन जब्त करी दोनो गाड़िया
• 2 किश्ते ना देने पर जबरन उठाई गाड़ी
• कोर्ट के आदेशों का किया उल्लंघन
• पीड़ित के भाई को है ब्लड कैंसर जिसके कारण किश्त नही दे पाया
देहरादून / मामला बड़ा ही संगीन है। वाहन ईएमआई रिकवरी को लेकर दिन प्रतिदिन रिकवरी वालों की गुंडागर्दी बढ़ती ही जा रही है । ऐसा ही मामला बुधवार को बल्लीवाला चौक स्थित एस एल होंडा शोरूम का आया है। पीड़ित नेेेेेेे आरोप लगाते हुए बताया पूरा मामला।
रोजाना की तरह बुधवार को भी पीड़ित सुरेंद्र शर्मा अपने काम पर आया और एस एल होंडा शोरूम के ठीक सामने काम कर रहा था। पीड़ित केबल टीवी का कार्य कर अपना गुजारा करता है। दीवाली से पूर्व अपनी एसपी शाइन बाइक के बदले एक्सचेंज में किश्तों पर एक्टिवा गाड़ी बल्लीवाला चौक स्थित एस एल होंडा शोरूम से ली थी। बुधवार को पीड़ित व्यक्ति पोल पर चढ़कर लाइन ठीक कर रहा था और अपनी एक्टिवा गाड़ी एस एल होंडा के ठीक सामने ही खड़ी की हुई थी। पीड़ित की जब लगातार दो किश्ते बाउंस हो गई तो बुधवार को श्रीराम फाइनेंस से सागर नाम का युवा व्यक्ति गाड़ी को उठाकर एस एल होंडा शोरूम ले गया ।
यहां पर आपको बता दें कि गाड़ी एक्सचेंज करते समय थर्ड पार्टी सेल्स परचेज डिपार्टमेंट से सरफराज अंसारी से पीड़ित ने अपनी गाड़ी का सौदा 36000 में तय किया था, जिसमें से सरफराज अंसारी ने पीड़ित को ₹29000 देकर 7000 एनओसी के एवज में अपने पास रख लिए थे और यह शर्त रखी थी कि यदि आप एनओसी 6 महीने के अंदर दे देते हैं तो आपके ₹7000 वापस कर दिए जाएंगे । इस एवज में गाड़ी एक्सचेंज में सेल पर्चेस से सरफराज अंसारी की ओर से पीड़ित को 29000 रुपए दिए गए थे जिससे पीड़ित ने डाउन पेमेंट कर नई एक्टिवा फाइनेंस कराई थी और 6 महीने में अपनी पुरानी एसपी शाइन गाड़ी की एनओसी जमा करने को कहा था।
परंतु 2 महीने पहले से ही पीड़ित सुरेंद्र शर्मा के भाई को ब्लड कैंसर होने के कारण उसका सारा पैसा दवाइयां में लग रहा था जिसके कारण वह ना तो बैंक के लोन की किश्त दे पाया और ना ही गाड़ी की किस्त दे पाया। इस पर पीड़ित युवा ने अपने केवल मलिक जहां वह कार्य करता है उसको सूचित किया और उन्होंने फाइनेंस वालो को फटकार लगाते हुए कहा हाई कोर्ट के सख्त आदेश है की तीसरी किस्त बाउंस होने तक किसी भी स्थिति में किसी भी रिकवरी वाले व्यक्ति द्वारा गाड़ी को जबरन उठाया नहीं जा सकता। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।
इस पर श्रीराम फाइनेंस सागर नाम के व्यक्ति जो गाड़ी उठा कर लाए थे उन्होंने तुरंत चाबी देकर बोला कि आप कृपया इसकी समय से किस जमा कर दें।
दूसरी तरफ सेल परचेस वाले सरफराज अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुरेंद्र शर्मा ने अभी तक एनओसी नहीं जमा की है और 6 महीने भी बीत चुके हैं। इस पर सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि मुझे थोड़े दिनों की और मोहलत दीजिए मैं आपकी एनओसी जमा करवा दूंगा अन्यथा में अपनी गाड़ी यथावत लेकर आपके पैसे वापस कर दूंगा परंतु सेल परचेस पार्टी से सरफराज अंसारी जो कि अपनी बात पर अड़े रहे और कहते रहे एनओसी अभी चाहिए और इस पर वह खुद पीड़ित व्यक्ति के साथ बैंक जाने को बोलने लगे ।
सुरेंद्र शर्मा स्वयं अपनी गाड़ी पर बिठाकर सेल परचेस वाले सरफराज अली को अपने बैंक ले गया जहां से एनओसी लेनी थी। वहा जाकर उन्हें पता लगा कि सुरेंद्र शर्मा ने वहां पर एक पर्सनल एक लाख का लोन ले रखा है और अभी उसके 18000 रुपए बाकी हैं। इस एवज में बैंक ने उसकी एनओसी रखी हुई है ।
इधर पीड़ित व्यक्ति के मालिक ने थोदी देर में 2 महीने की बकाया किश्त जमा कर दी जिसकी रसीद भी प्राप्त हो गई। अब यहां पर धोखाधड़ी करते हुए सरफराज अली पीड़ित सुरेंद्र शर्मा को घंटाघर स्थित अपनी दुकान पर ले गया जो की देहरा ऑटो प्वाइंट के नाम से गांधी रोड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क के पीछे वाली रोड पर स्थित है।
यहां पर पहुंच कर सरफराज अंसारी ने पीड़ित सुरेंद्र शर्मा के मालिक को फोन करके कहा कि इससे हमें आश्वासन दिलवा दीजिए की एनओसी कब मिलेगी तो इस पर मलिक ने उन्हें सुरेंद्र शर्मा को 3 महीने का समय देने के लिए आग्रह किया और कहा कि मैं गारंटी लेता हूं की 3 महीने के भीतर आपको एनओसी दे देंगे अन्यथा अपनी गाड़ी लेकर आपका पैसा वापस कर देंगे।
इस पर सेल्स परचेस वाले व्यक्ति सरफराज अंसारी ने एक एफिडेविट पर साइन करने को बोला। अनपढ़ होने के कारण पीड़ित सुरेंद्र शर्मा से एफिडेफिट के बदले, इंग्लिश में लिखे सेल लेटर पर सरफराज अंसारी ने साइन करवा लिए।
जब पीड़ित सुरेंद्र शर्मा ने साइन करने के बाद गाड़ी की चाबी मांगी तो उन्होंने उसे वहां पर से यह कहकर भगा दिया कि तूने गाड़ी बेच दी है और इस गाड़ी के मालिक हम हैं। इस प्रकार से धोखाधड़ी करते हुए सरफराज अंसारी जो कि एस एल होंडा शोरूम बल्लीवाला चौक स्थित सेल परचेस का कार्य करता है उसने एक अनपढ़ पीड़ित सुरेंद्र शर्मा को जाल में फंसा कर दोनों गाड़ी हथयाली।
सुरेंद्र शर्मा अब न्याय के लिए गुहार लग रहा है कि पुलिस द्वारा उसकी मदद की जाए और उसे न्याय दिलाया जाए। जबकि पीड़ित ने सरफराज अंसारी को कई बार हाथ पैर जोड़ते हुए कहा कि मेरे भाई को ब्लड कैंसर है, जिसकी वजह से सारा पैसा दवाइयो में लग गया इशिलिय मैं किश्त नहीं भर पाया,और एनओसी भी नही दे पाया। कुछ समय की मोहलत दे दीजिए मैं आपकी किस्त भर दूंगा इस पर भी उसने पीड़ित की एक बात ना सुनी।