होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया ने आगरा में सफल सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान का किया आयोजन
- इस अभियान ने 2300 से अधिक स्कूली छात्रों और स्टाफ के सदस्यों पर छोड़ी अनूठी छाप!
आगरा: एचएमएसआई सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सड़कों पर ज़िम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने और अधिक सतर्क एवं सुरक्षित समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए कंपनी नियमित रूप से देश के विभिन्न क्षेत्रों में नियमित रूप से सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियानों का संचालन करती है। एचएमएसआई का मानना है कि इस तरह के अभियान लोगों को वाहन चलाने की सुरक्षित प्रथाएं अपनाने और सड़क पर ऐहतियात बरतने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसी तरह के एक अभियान का आयोजन हाल ही में आगरा शहर में किया गया, जिसने प्रतिभागियों पर उल्लेखनीय छाप छोड़ी। मिल्टन पब्लिक स्कूल के परिसर में आयोजित इस अभियान में 2300 से अधिक स्कूली छात्रों एवं स्टाफ के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
एचएमएसआई का मानना है कि सड़क सुरक्षा के सिद्धान्त कम उम्र में ही सिखाए जाने चाहिए और इसीलिए कंपनी स्कूल एवं कॉलेज स्तर पर सड़क सुरक्षा शैक्षणिक पाठ्यक्रम के समावेशन को बढ़ावा देती है। कम उम्र में युवा चीज़ों को जल्दी सीखते हैं, इसी दृष्टिकोण के साथ कंपनी का उद्देश्य नई पीढ़ी को सड़क के ज़िम्मेदाराना इस्तेमाल के लिए ज़रूरी ज्ञान एवं कौशल प्रदान करना है। सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान के तहत रोचक एवं इंटरैक्टिव गतिविधियों का आयोजन किय जाता है जैसे सड़क सुरक्षा गेम्स, सुरक्षित सड़कों पर सैद्धान्तिक सत्र, स्लो बाइसाइकल राइडिंग, सड़क संकेत एवं राइडिंग पोस्चर पर प्रशिक्षण।
अपनी शुरूआत के बाद से उत्तर प्रदेश राज्य में एचएमएसआई, सड़क सुरक्षा की आदतों एवं सड़क के ज़िम्मेदाराना इस्तेमाल को बढ़ावा देते हुए तकरीबन 3 लाख व्यस्कों और बच्चों को सड़क सुरक्षा पर शिक्षित कर चुकी है।
सड़क सुरक्षा के लिए होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया की सीएसआर प्रतिबद्धता साल 2021 में होण्डा ने विश्वस्तर पर एक दृष्टिकोण वक्तव्य जारी किया जिसके मुताबिक ‘‘होण्डा 2050 तक दुनिया भर में होण्डा की मोटरसाइकिलों एवं ऑटोमोबाइल्स की जानलेवा दुर्घटनाओं को शून्य तक लाने के लिए प्रयास करेगी।’’एचएमएसआई इसी दृष्टिकोण से भारत सरकार के साथ काम करते हुए 2030 तक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने की दिशा में कार्यरत है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि 2030 तक हमारे बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक मानसिकता का विकास किया जाए और इसके बाद भी उन्हें इस विषय पर शिक्षित करना जारी रखा जाए। स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा न सिर्फ जागरुकता बढ़ाती है बल्कि युवाओं में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा देती है, इस तरह वे सुरक्षा का संदेश देने वाले दूत बन जाते हैं। यह भावी पीढ़ियों को ज़िम्मेदार नागरिक बनकर सुरक्षित समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए सक्षम बनाती है।