
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की टीम और अमरोहा एसओजी ने मिलकर 2 साल से फरार 50 हजार रुपए के इनामी को अमरोहा से गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ बीएसएफ के कमांडेंट की बेटी से छेड़छाड़ करने,उसके फर्जी प्रमाण पत्र बनाने और रंगदारी मांगने का मुकदमा साल 2019 में दर्ज हुआ था। आरोपी पर मुकदमा दर्ज होने के बाद तभी से वह फरार चल रहा था।
बता दें कि थाना रायपुर पुलिस को पूर्व में बीएसएफ के कमांडेंट ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर कोतवाली क्षेत्र मोहल्ला सराय में सलाउद्दीन का परिवार रहता था और उनका बेटा शोएब साल 2019 में रायपुर थाना क्षेत्र में एक साइबर कैफे चलाता था। शोएब ने देहरादून में तैनात एक बीएसएफ कमांडेंट की नाबालिग बेटी से दोस्ती की और नाबालिग को झांसे में लेकर अमरोहा लेकर चला गया। आरोपी ने नाबालिग युवती के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर धोखाधड़ी की और उसके साथ छेड़छाड़ भी की गई थी। साथ ही कमांडेंट को ब्लैकमेल कर रंगदारी मांगने लगा था। बीएसएफ कमांडेंट की शिकायत के आधार पर आरोपी शोएब के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जब नाबालिग युवती की तलाश की तो नाबालिग युवती थाना रायपुर क्षेत्र के एक फ्लैट में से बरामद की गई और आरोपी पर मुकदमा दर्ज होने के बाद वह फरार हो गया था। उसके बाद उसके बाद आरोपी ने नाबालिग युवती की मां को फोटो भेज कर धमकी भी दी और कहा कि यदि मुकदमा वापस नहीं लिया तो वह फोटो को वायरल कर देगा। पुलिस लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी, लेकिन आरोपी अमरोहा जाकर हुलिया बदलकर रहने लगा। आईजी गढ़वाल ने शोएब की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण आरोपी की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी। वहीं कुर्की के डर से परिवार वालों ने आरोपी शोएब को बेदखल कर दिया था। एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पांच सदस्य की टीम अमरोहा पहुंची और अमरोहा पुलिस को मामले की जानकारी देने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया। चार दिन तक आरोपी पर नजर रखने के बाद दोनों टीमों ने शोएब को अमरोहा से गिरफ्तार किया। साथ ही आरोपी के आपराधिक इतिहास की जानकारी भी एसटीएफ कर रही है।