उत्तराखंडदेहरादून

पुलिस महानिदेशक ने ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुक्ति की समीक्षा की

देहरादून। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में अपराध, कार्मिक, बजट एवं विशेष अभियानों ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुक्ति की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिये गये। अशोक कुमार ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस और प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के भम्रण को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होने कहा कि इस वर्ष (माह जनवरी से सितम्बर तक) अपराध नियंत्रण एवं अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही में प्रोफोशनली काफी अच्छा काम हुआ है। प्रदेश को अपराध एवं अपराधी मुक्त बनाने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस कटिबद्ध है। हत्या, लूट, डकैती, चैन स्नैचिंग, आदि अपराधों के अनावरण एवं बरामदगी का प्रतिशत काफी अच्छा है। डकैती एवं वाहन लूट के अभियोगों के शत प्रतिशत अनावरण एवं बरामदगी, लूट में 94 प्रतिशत अनावरण व 96 प्रतिशत बरामदगी करने के लिए सभी जनपद प्रभारियों को बधाई। जिन जनपदों में प्रतिशत कम है, वहां प्रोफेशनली पुलिसिंग से प्रतिशत बढ़ाया जाए। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था इसकी मासिक समीक्षा करें। अच्छा कार्य करने वाले जनपद प्रभारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

ऑपरेशन प्रहार के अन्तर्गत कुछ जनपदों ने काफी अच्छा कार्य किया है। हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चम्पावत व पिथौरागढ़ की कार्यवाही प्रशंसनीय है। शेष जनपद भी अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे इस विशेष अभियान में कार्यवाही बढ़ाएं। संगठित अपराध करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट व सम्पत्ति अधिग्रहण की कार्यवाही बढ़ाने, एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत पिट एनडीपीएस और अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति के अधिग्रहण की कार्यवाही को बढ़ाने और इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी बढ़ाने के निर्देश दिए। वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित करने और इनाम की धनराशि बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उत्तराखण्ड पुलिस एप स्मार्ट पुलिसिंग की ओर एक बड़ा कदम है। आम जन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य यह एप बनाया गया है। सभी जनपद प्रभारी इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे अधिक से अधिक लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। वाहन चोरी और गुमशुदा वस्तुओं के संबंध में ऑनलाइन एफआईआर (ई-एफआईआर) दर्ज करें। इस सम्बन्ध में थाने पर आकर एफआईआर दर्ज कराने आने वाले व्यक्ति को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने हेतु प्रोत्साहित करें। दोनों प्ररिक्षेत्र प्रभारी इसकी मॉनिटरिंग करें। महिला सुरक्षा के दृष्टिगत गौरा शक्ति मॉड्यूल में रजिस्ट्रेशन को बढ़ाया जाए। रजिस्टर्ड महिलाओं के साथ समन्वय कर उनकी शिकायत के समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस कराया जाए। साथ ही कॉल बैक का प्रतिशत भी बढ़ाया जाए। दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने परिक्षेत्र में 01 से 03 वर्ष तक की लंबित पड़ी विवेचनाओं को स्वयं मॉनिटर कर ओ0आर0 करें।

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