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खानपुर विधायक उमेश कुमार की वाई प्लस सुरक्षा मामले में सुनवाई

नैनीताल। खानपुर विधायक उमेश कुमार को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से दस दिन के भीतर अतिरिक्त शपथपत्र पेश करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि सुरक्षा देने संबंधी क्या नियमावली हैं और अभी की क्या स्थिति है? उसको भी बताएं।बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि ऐसे कितने लोगों को सुरक्षा प्रदान की गई है? इसके अलावा ऐसे कितने लोग हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनका पूरा रिकॉर्ड पेश करें, लेकिन आज कोर्ट मामले में संतुष्ट नहीं हुआ। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 अगस्त की तिथि नियत की है। पहले भी कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि पुलिस का कार्य जनता की सुरक्षा करना है, जिन लोगों को जानमाल का खतरा है। जांच के बाद ही उन्हें सुरक्षा दी जाए।दरअसल, हरिद्वार निवासी भगत सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि विधायकों की सुरक्षा के नाम पर उन्हें एक सुरक्षाकर्मी दिया जाता है। इसके अलावा यदि किसी विधायक को खतरा है तो उन्हें एक अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी दिया जाता है। किसी विधायक को सुरक्षा कवर देने से पहले एलआईयू की ओर से रिपोर्ट विभाग को दी जाती है। याचिकाकर्ता ने मामले में खानपुर विधायक उमेश कुमार के मामले का उदाहरण दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उमेश कुमार को सुरक्षा देते वक्त अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन किए बिना उनके प्रार्थना पत्र के आधार पर उन्हें वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। इतना ही नहीं उनके पास अपनी पर्सनल एस्कॉर्ट भी है।याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि स्थानीय खुफिया इकाई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके जीवन को कोई खतरा नहीं है। इसलिए उनकी वाई प्लस सुरक्षा हटाई जाए। ऐसे ही कितने लोगों की सुरक्षा में पुलिस लगी है। जबकि, उनको किसी से कोई खतरा नहीं है। यह पूरी तरह से पुलिस का दुरुपयोग है। पुलिस का कार्य जनता की सुरक्षा करना है।

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