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एक ही परिवार के 7 लोगों ने कर ली आत्महत्या

देहरादून। हरियाणा के पंचकूला के सेक्टर 27 में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां एक ही परिवार के 7 लोगों ने आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। लेकिन आत्महत्या करने वाला परिवार उत्तराखंड के देहरादून में भी काफी समय रहा है। बताया जा रहा है कि परिवार देहरादून में किराए में अलग-अलग जगहों पर रहा, जिसके बाद यहां से चला गया।
हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के 7 सदस्यों ने सोमवार देर रात सेक्टर 27 में आत्महत्या कर ली। मृतक परिवार पिछले तीन साल पहले देहरादून के कोलागढ़ में किराए पर रहता था और उसके बाद नींबूवाला में किराए पर रहा। देहरादून के अलग-अलग जगह पर रहने में बाद करीब एक साल महीने पहले पंचकूला चले गए थे। वहीं आसपास के लोगों का कहना है कि परिवार काफी हिम्मतवाला था और परिवार खुशहाल था। परिवार मूल रूप से चंडीगढ़ का रहना वाला था और वर्तमान में पंचकूला में किराए पर रह रहा था।
पुलिस जांच में सभी मृतकों की पहचान हो गई है। मृतकों में प्रवीण मित्तल, उनके पिता देशराज मित्तल, मां और पत्नी समेत तीन बच्चों (दो बेटियां और एक बेटा) के रूप में हुई है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता लगा कि परिवार मूल रूप से चंडीगढ़ का रहने वाला है और पिछले काफी समय से पंचकूला में किराए के मकान में रह रहा था। परिवार पहले पंजाब में रहता था, लेकिन व्यापार में नुकसान होने के कारण देहरादून के कोलागढ़ में किराए पर रहने लगा था।
बताया जा रहा है कि घटनास्थल से जो वाहन मृतक के पास मिला है, वह मालदेवता देहरादून के गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत है, जिनके संपर्क करने पर उनके द्वारा बताया गया कि उनकी मृतक प्रवीण मित्तल से एनजीओ के काम के सिलसिले में मुलाकात हुई थी। इसी दौरान मित्रता के चलते गंभीर नेगी ने वाहन अपने नाम पर फाइनेंस करवाया था, जिसे वर्तमान में मृतक चलाता था।

परिवार के संबंध में जानकारी करने पर पता चला कि मृतक प्रवीण मित्तल पुत्र देशराज मित्तल का परिवार लगभग एक साल पहले तक कोलागढ़ देहरादून में किराए पर निवास करता था। जिनका मूलरूप से चंडीगढ़ क्षेत्र का होना पाया गया है। वर्तमान में परिवार देहरादून में निवास नहीं कर रहा था।
                                                                             अजय सिंह, एसएसपी-

हरियाणा का परिवार था वह काफी मजबूत परिवार था और बच्चे भी बाहर खेलते थे। लेकिन कुछ महीने कोलागढ़ में रहने के बाद वो चले गए। पूरा परिवार अपने काम में व्यस्त रहता था और उनके जाने का काफी दुख है। प्रवीण मित्तल कोलागढ़ में किराए पर रहकर एनजीओ में काम करता था और कुछ महीने तक कोलागढ़ में रहने के बाद नींबूवाला रहने चले गए थे।
                                              राजकुमारी नौटियाल, कोलागढ़ पड़ोसी-

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