यहाँ की जनता लगभग 42 वर्षों से दिल्ली की ट्रेन से यात्रा करने से आज भी वंचित है |
बिजनौर – ( किरतपुर ) बसी किरतपुर रेलवे स्टेशन से 42 वर्षों से लगभग दिल्ली की ट्रेन से यात्रा करने से यहा की जनता आज भी वंचित है | कहने को भारत सरकार विकास के झंडे गाडती फिरती है जिस देश में जनता राजधानी दिल्ली ट्रेन से यात्रा करने के लिए पिछले 393 सप्ताह से लगातार धरना दिया जा रहा है संसद में प्रश्नकाल में क्षेत्रीय सांसद गिरीश चंद ने सत्याग्रह की आवाज को कई बार बुलंद किया है और नगीना लोक सभा चुनाव के प्रभारी बनाये गये केन्द्रीय रेल मंत्री मा.अश्वनि वेष्णेव के समक्ष बिजनौर आगमन पर उक्त स्टोपेज की मांग की जा चुकी है उसके पश्चात भी माननीय केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बार बार आश्वासन देकर चले जाते इससे यह पता चलता है के माननीय केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आश्वासन हवा हवाई होता है सिद्धबली गढ़वाल दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन के स्टॉपेज की मांग को लेकर आज पवित्र धरना स्थल से संयोजक तलहा मकरानी एडवोकेट समाजसेवी ने कहा दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन के भी स्टोपेज तक जारी रहेगा सत्याग्रह संकल्प अभियान आगे तलहा मकरानी ने कहा सत्याग्रह, समाज सेवा मेरे खून मे रची बसी है तीन दशक से ज्यादा लम्बा संघर्ष व ‘त्याग ‘ कर समस्त क्षेत्रवासियों को लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन का स्टोपेज कराया था |और आगे कहा हर हाल में गढ़वाल दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन का स्टॉपेज कराके रहूंगा जिससे समस्त जनता को दिल्ली आने-जाने की सहूलियते व आराम मिलेगा और रेल मंत्रालय को भारी-भरकम राजस्व की प्राप्ति होगी|लगातार सम्बोंधित करते हुए कहा पवित्र धरना स्थल पर आज आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष तेज पाल सिंह लगातार धरने पर आ रहे है वह शीर्ष आप पार्टी के ऩेताओ को अवगत कराकर संसद में आवाज उठाये दुनिया का सबसे बड़ा धरना हो गया और रेल मंत्रालय भारत सरकार दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन का स्टोपेज देने के बजाय आश्वासन पर आश्वासन देकर राजनीति कर रही है धरना समाप्ति के बाद केंद्र रेल मंत्री के नाम स्टोपेज मांग पत्र स्टेशन मास्टर अमित कुमार राठी को दिया धरना आरपीएफ जीआरपीएफ की निगरानी में रहा पवित्र धरना स्थल से संयोजक तलहा मकरानी एडवोकेट समाजसेवी , सुल्तान यूसुफ नन्हा आनदोलंनकारी पुञ, जिला अध्यक्ष तेजपाल सिंह आम आदमी पार्टी, राहत अली खान, खुरशीँद अहमद भाई जी, चौधरी जगबीर सिंह, उवेस मकरानी,इमरान सिददीकी, आदि रहे|