जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए |

बिजनौर – जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि शासन के निर्देशों के अनुरूप गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लाभार्थियों को शादी अनुदान योजना से लाभान्वित करना सुनिश्चित करें और प्रथम आवत-प्रथम पावत के आधार पर चयन कर पात्र लाभार्थियों को योजना से आच्छादित करें। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि शादी अनुदान के लिए जो आवेदन शादी से 90 दिन पूर्व प्राप्त होते हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर जांचोपरांत पात्रता की श्रेणी में शामिल कर लाभान्वित करें। उन्होंने बताया कि वृद्वावस्था पेंशन, निराश्रित विधवा पेंशन, विकालांग पेंशन तथा समाजवादी पेंशन के लाभार्थियों को आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है जबकि अन्य पिछड़े वर्ग के आवेदकों को तहसील द्वारा ऑनलाइन निर्गत जाति प्रमाण पत्र का क्रमांक ऑनलाइन आवेदन पत्र में अंकित करना अनिर्वाय है।जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज पूर्वान्ह 11ः30 बजे कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में पिछड़ी जाति शादी अनुदान योजनान्तर्गत लम्बित आवेदन पत्रों के निस्तारण के सम्बन्ध में जिला सतरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि शादी अनुदान योजना से आच्छादित होने वाले लाभार्थियों के लिये जरूरी है कि आवेदक गरीबी की सीमा के अंतर्गत अर्थात शहरी क्षेत्र में रू0 56,460/- तथा ग्रामीण क्षेत्र में रू0 40,080/- प्रतिवर्ष से अधिक आय न रखता हो। विवाह के लिए किए गए आवेदन में पुत्री की आयु शादी की तिथि को 18 तथा पुत्र की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक हो योजना के लिए पात्र माना जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एक परिवार से अधिकतम 02 पुत्रियों की शादी के लिए रू0 20,000/- अनुदान अनुमन्य है। उन्होंने जिला पिछड़ वर्ग कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि शादी अनुदान के चयनित लाभार्थियों की सूची क्षेत्रीय मा0 विधायकों एवं जन प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं और उनको विवाह समारोह में प्रतिभाग करने के लिए भी आमंत्रित करें।इस अवसर पर मा0 विधायक चांदपुर स्वामी ओमवेश, नूरपुर रामावतार सिहं, जिला पिछड़ वर्ग कल्याण अधिकारी शक्ति सिंह श्रीवास्तव, जिला समाज कल्याण अधिकारी जागेश्वर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।