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चमोली जिले के विकास खंड कर्णप्रयाग के डिम्मर गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया गया

चमोली ( प्रदीप लखेड़ा )
चमोली जिले का डिम्मर गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया गया है। 10 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअल माध्यम से संस्कृत ग्राम कार्यक्रम से जुडेंगे।
उत्तराखंड राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जनपदों में एक-एक संस्कृत ग्राम घोषित किए गए हैं। आगामी 10 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से देहरादून के संस्कृत ग्राम भोगपुर से संस्कृत ग्राम कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे जबकि अन्य जनपद वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में जुडेंगे।
चमोली जिले के लिए कार्यक्रम के लिए नामित सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ. चंडीप्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि विकास खंड कर्णप्रयाग के डिम्मर गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है। विगत कुछ महीनो से संस्कृत ग्राम में संस्कृत प्रशिक्षकों की ओर से ग्रामीणों को सरल संस्कृत भाषा का अभ्यास निरंतर कराया जा रहा है। सहायक निदेशक ने बताया है कि गांव में ही संस्कृत के प्राथमिक विद्यालय की भी स्थापना की जानी है। इससे द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार प्रसार में मजबूती आएगी साथ ही स्थानीय युवा वर्ग को रोजगार भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के सुचारू रूप से चलने के लिए बद्री कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय सिमली के प्राचार्य डॉ. मातरम पुरोहित को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस संबंध में पत्र मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली को भेजा गया है। जिससे माध्यमिक शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा के लोग भी उस दिन वहां मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में डिम्मर गांव से स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण जुडेंगे। प्रातः 10ः30 बजे आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बीकेटीसी के उपाध्यक्ष ऋषिप्रसाद सती, विशिष्ट अतिथि रमेश गडिया, मोहनप्रसाद डिमरी कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। ग्राम प्रधान विनीता डिमरी और ग्रामीणों की उपस्थिति में कार्यक्रम संपादित किया जाएगा।

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